श्रावस्ती: जिलाधिकारी ने बालिकाओं/महिलाओं से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना, निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को दिया निर्देश

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श्रावस्ती। ‘‘मिशन शक्ति अभियान‘‘ फेज-4 के तहत जिलाधिकारी कृतिका शर्मा की अध्यक्षता में ‘‘हक की बात जिलाधिकारी के साथ‘‘ कार्यक्रम का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया, जिसमें बालिकाओं और महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी बालिकाओं/महिलाओं से सीधा संवाद कर उनका कुशल क्षेम भी लिया तथा शिक्षा ग्रहण कर रही बालिकाओं को उन्होने बेहतर पढ़ाई का टिप्स भी दिया। उन्होने कहा कि शिक्षा से ही बालिकाएं अपनी अभिलाषा के अनुसार मुकाम हासिल कर सकती है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि वे मन लगाकर पढ़ें और आगे बढे़। उन्होने जोर देते हुए कहा कि देश में कई ऐसे छात्र-छात्राएं है, जिनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी, फिर भी उन्होने कठिन परिश्रम और कड़ी मेहनत से उच्च मुकाम हासिल किया है। इसलिए सभी छात्राएं एक जुनून पैदा कर मेहनत से समय का सदुपयोग करते हुए पढ़ाई करें और आगे बढ़े। उन्होने यह भी कहा कि जब एक बालिका शिक्षित होती है तो वह अपने पूरे परिवार को रोशन करती है। इसलिए सभी बालिकाएं शिक्षा लेने हेतु अपने साथ-साथ परिवार एवं आस-पास के बालिकाओं को शिक्षित करने हेतु प्रेरित भी करें। जब बालिकाएं शिक्षित होंगी तो उन्हें अपने अधिकार के बारे में भी जानकारी होगी। उन्होने जनपद वासियों से भी अपील किया है कि वे बिना भेद-भाव के अपने बेटो के साथ-साथ बेटियों को भी अवश्य शिक्षित कर उनके भविष्य को संवारें।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जिले में बेटियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, जो चिन्ता का विषय है। जिलाधिकारी सभी अभिभावकों से भी अपील किया है कि वे अपने बेटियों की शादी नाबालिग अवस्था में कदापि न करें। नाबालिग अवस्था मे शादी करने से वे अल्प आयु में ही मां बन जाती है और इससे जच्चा बच्चा दोनों के ऊपर ही कुप्रभाव पड़ता है तथा वे कुपोषित रहते है। जिससे जिले में मात्र एवं शिशु मृत्यु दर भी अधिक है जो चिन्ता का विषय है। बाल विवाह रोके बिना समाज में स्वस्थ्य परम्परा नहीं कायम की जा सकती है, इसलिए जनसहयोग से ही इस कुप्रथा को रोका जा सकता है। उन्होने कहा कि जिले में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन/पुलिस द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे है। इसलिए जनपदवासी उनके आस-पास यदि कोई बाल विवाह तैयारी/होने की सूचना मिलती है तो तत्काल सूचित कर बाल विवाह रोकने में मदद करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि उनकी कोई भी समस्या या शिकायत हो बेझिझक बता सकती है उनकी हर समस्या और शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रत्येक थाना में महिला हेल्प डेस्क स्थापित है। जहां पर कोई भी महिला/बालिका अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। प्रत्येक थाना स्तर पर महिलाओं व बालिकाओं को जागरूक किया जा रहा है, यदि उनकी को समस्या है, तो उसका त्वरित निस्तारण भी कराया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक थाना क्षेत्र के चिन्हित हॉट-स्पॉट पर निरन्तर पैट्रोलिंग की जा रही है। उन्होने कहा कि विभिन्न सेवायें जैसे-1090 (वूमेन पॉवर लाइन), 181 (महिला हेल्प लाइन), 1076 (मुख्यमंत्री हेल्पलाइल), 112 (पुलिस आपतकालीन सेवा), 1098 (चाइल्ड लाइन), 102 (स्वास्थ्य सेवा) जनपयोगी हेल्पलाइन नम्बर आप लोगों के कल्याण हेतु चलायी जा रही है, जिन पर अपनी शिकायत कभी भी दर्ज करा सकती हैं। निश्चित ही उनकी शिकायतों का निराकरण होगा।
इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी सुबोध कुमार सिंह, संरक्षण अधिकारी मिथिलेश सिंह सहित सूचना एवं प्रोबेशन के अधिकारी/कर्मचारीगण एवं महिलाएं/बालिकाएं उपस्थित रही।