Vishnu Ji Ki Aarti: आज जरूर करें भगवान विष्णु की यह आरती, मां लक्ष्मी करेंगी धनवर्षा!

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Vishnu Ji Ki Aarti: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को जगाकर उनकी पूजा-आरती करने का विधान है। आइए जानते हैं कि आज देवउठनी एकादशी पर किस आरती को करना शुभ रहेगा।

Vishnu Ji Ki Aarti: शास्त्रों में कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है। पंचांग के अनुसार, आज यानी 23 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। ऐसे में आज देवउठनी एकादशी के निमित्त व्रत रखा जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार देवउठनी एकादशी का व्रत बेहद पुण्यदायी है। ऐसे में आज जो कोई देवउठनी एकादशी का व्रत रखेंगे, उन्हें भगवान विष्णु समेत मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। वैसे तो यह बात कोई जानता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु समेत मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसे में जो भक्त आज रखेंगे उन्हें जरूर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, कथा और आरती करनी चाहिए। आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कौन सी आरती करना शुभ रहेगा।

ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट

दास जनों के संकट,

क्षण में दूर करे

॥ ॐ जय जगदीश हरे…

जो ध्यावे फल पावे

दुःख बिनसे मन का

स्वामी दुःख बिनसे मन का

सुख सम्पति घर आवे

सुख सम्पति घर आवे

कष्ट मिटे तन का ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे…

मात पिता तुम मेरे

शरण गहूं किसकी

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी

तुम बिन और न दूजा

तुम बिन और न दूजा

आस करूं मैं जिसकी

॥ ॐ जय जगदीश हरे…

तुम पूरण परमात्मा

तुम अन्तर्यामी

स्वामी तुम अन्तर्यामी

पारब्रह्म परमेश्वर

पारब्रह्म परमेश्वर

तुम सब के स्वामी

॥ ॐ जय जगदीश हरे…

तुम करुणा के सागर

तुम पालनकर्ता

स्वामी तुम पालनकर्ता

मैं मूरख फलकामी

मैं सेवक तुम स्वामी

कृपा करो भर्ता

॥ ॐ जय जगदीश हरे..

तुम हो एक अगोचर

सबके प्राणपति

स्वामी सबके प्राणपति

किस विधि मिलूं दयामय

किस विधि मिलूं दयामय

तुमको मैं कुमति

॥ ॐ जय जगदीश हरे..

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता

ठाकुर तुम मेरे

स्वामी रक्षक तुम मेरे

अपने हाथ उठाओ

अपने शरण लगाओ

द्वार पड़ा तेरे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..

विषय-विकार मिटाओ

पाप हरो देवा

स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट

दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे ॥