‘मिशन 2024’ और विधानसभा चुनावों का जिम्मा… आकाश आनंद को वारिस बनाकर मायावती ने क्या दिया संदेश?

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आकाश मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. मायावती 2017 में, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से आकाश का परिचय लंदन से एमबीए ग्रेजुएट के रूप में कराया था और उनसे कहा था कि वह पार्टी मामलों में भी शामिल होंगे.

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया है. आज लखनऊ पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में उन्होंने यह घोषणा की. मायावती ने पार्टी नेताओ और कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है की वे भविष्य में आकाश के नेतृत्व में बसपा को आगे बढ़ाने के लिए काम करने को तैयार रहें. आकाश उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य राज्यों में बहुजन समाज पार्टी का कामकाज देखेंगे. इन दोनों राज्यों में फिलहाल मायावती ही पार्टी के लिए निर्णय लेंगी.

आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए यूपी और उत्तराखंड छोड़कर अन्य राज्यों में बसपा की पूरी जिम्मेदारी आकाश आनंद के हाथो में होगी. बीएसपी नेता बीआर धोनी और सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आकाश आनंद एक युवा चेहरा हैं, जिनके उत्तराधिकारी बनने से पार्टी मजबूत होगी. मायावती ने बहुत खुशी के साथ आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. बसपा को अब नई दिशा मिलेगी. दोनों ने बताया कि पार्टी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग में मायावती ने ईवीएम को लेकर भी चर्चा की.

बैलट-पेपर से चुनाव के पक्ष में बसपा प्रमुख

बसपा सुप्रीमो ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए और कहा कि बसपा बैलट-पेपर से चुनाव के पक्ष में है. मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी तय करने की जिम्मेदारी राज्यवार नेताओं को सौंपी है. शनिवार को एक आधिकारिक बयान में बहुजन समाज पार्टी ने कहा था कि वह मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करेगी.

चंद्रशेखर रावण के मुकाबले आकाश आनंद

बीएसपी के कुछ शीर्ष नेताओं को इस बात की भनक हो गई थी कि आज की मीटिंग में कुछ बड़ा ऐलान होने वाला है. मायावती ने बिल्कुल सही समय चुनकर आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावों में फिसड्डी साबित हुई है. बीएसपी के समानांतर हिंदी पट्टी में चंद्रशेखर ने युवा दलित नेता का जो एक आभामंडल तैयार करने की कोशिश की थी, वह इन राज्यों के चुनावों के बाद अचानक ढह गया.

मायावती ने मौके की नजाकत को भांपते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद के रूप में तुरुप का इक्का चल दिया. आकाश आनंद को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीटों के लिहाज से बहुजन समाज पार्टी अपना पिछला प्रदर्शन तो नहीं दोहरा सकी, लेकिन अपने वोट बैंक को बचाए रखने में काफी हद तक सफल रही. पार्टी ने राजस्थान में दो सीटें भी जीतीं.

आकाश आनंद कौन हैं?

आकाश मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. मायावती 2017 में, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से आकाश का परिचय लंदन से एमबीए ग्रेजुएट के रूप में कराया था और उनसे कहा था कि वह पार्टी मामलों में भी शामिल होंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रमुख की चुनाव प्रचार रणनीति को मैनेजमेंट आकाश आनंद ने ही संभाला था. 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के सोशल मीडिया कैम्पेन को संभाला.

मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद जब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था और पार्टी संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल हुआ था, तो आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था. 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में आकाश का नाम मायावती के बाद दूसरे स्थान पर था. उन्हें विभिन्न राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी कैडर को तैयार करने का काम भी सौंपा गया है.