शहरी बाशिंदों के आयुष्मान कार्ड बनाने को शुरू हुआ अभियान

111

जिले के 11 निकायों में 65 स्थानों पर कैंप लगाकर बनाए जा रहें कार्ड
सीतापुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर शहरी क्षेत्रों में विशेष अभियान शुरू किया गया है। दस जनवरी तक चलने वाले इस विशेष अभियान के दौरान पात्र गृहस्थी राशन कार्ड पात्रता सूची में पांच से अधिक सदस्यों वाले लाभार्थी परिवारों के कार्ड बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सूबे के सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र जारी कर विस्तृत दिशा निर्देश दिए हैं।
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत यह आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं। इस कार्ड के माध्यम से लाभार्थी देश भर में पंजीकृत किसी भी अस्पताल में भर्ती होकर पांच लाख रुपए तक का अपना उपचार करा सकता है। उन्होंने योजना के सभी पात्र लाभार्थियों से अपील की है कि वह अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें और शहर से बाहर जाने पर उसे सदैव अपने पास ही रखें, जिससे किसी भी विशेष परिस्थिति में उसका उपयोग किया जा सके। इस योजना से हाल ही में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्र गृहस्थी राशन कार्ड पात्रता सूची में छह या छह से अधिक सदस्यों वाले परिवारों को भी जोड़ा गया है। ऐसे परिवारों को भी योजना में शामिल किया गया है जिनमें केवल वरिष्ठ नागरिक ही सदस्य हैं। ऐसे नये सदस्यों का कार्ड बनाने पर अधिक जोर है।
इनसेट 41,930 लोगों ने लिया लाभ कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. अभिज्ञान सिंह ने बताया कि जिले में कुल 11 निकाय हैं और इनमें पांच से अधिक यूनिट वाले पात्र गृहस्थी वाले और वरिष्ठ नागरिकों सहित कुल 99,704 लाभार्थी हैं। जिनमें से करीब 25 हजार लाभार्थियों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। शेष लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जिले के सभी 11 निकायों में वर्तमान समय में 65 स्थानों पर कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है। यह कैंप जिला चिकित्सालय सहित सभी शहरी पीएचसी पर, कोटे की दुकान पर, सीएचसी और नगर के सार्वजनिक स्थलों पर संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के 41,930 लोगों ने आयुष्मान कार्ड के माध्यम से विभिन्न सूचीबद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों में उपचार का लाभ लिया है।
इनसेट इन बीमारियों में मिलता लाभ जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि योजना के अंतर्गत कुल 2,250 बीमारियां शामिल हैं। इसमें मातृ स्वास्थ्य और प्रसव या उच्च जोखिम प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य स्वास्थ्य, कैंसर, टीवी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, आंखों की सर्जरी, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, कोरोनरी बाईपास, घुटना प्रत्यारोपण, स्टंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारियां, डायरिया, मलेरिया आदि शामिल है। इन समस्याओं के हल के लिए मरीज के भर्ती होने पर विभिन्न आयुष्मान सूचीबद्ध चिकित्सालयों में उपचार उपलब्ध है।
इनसेट क्या कहते हैं नोडल अफसर प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के जिन पात्र लाभार्थियों ने अभी तक अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है, वह शीघ्र ही अपना कार्ड बनवा लें और बाहर जाने पर इसे सदैव अपने पास रखें, जिससे किसी विशेष परिस्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।
डॉ. राजशेखर, डिप्टी सीएमओ/नोडल अफसर आयुष्मान भारत*