मराठा और OBC कोटा का मामला पकड़ा तूल, धनगर- मुस्लिम पर गरमाया मुद्दा, आरक्षण के भंवर जाल में फंसी शिंदे सरकार

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महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद ओबीसी आंदोलनकारियों लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को किसी प्रकार नुकसान होते हुए दिखाई देगा, तो हम लोग आंदोलन की अगली दिशा तय करेंगे। वहीं मनोज जरांगे पहले से ही अनशन पर बैठे हैं।

मुंबई : तीन दलों की मिली-जुली महाराष्ट्र सरकार आरक्षण के भंवर जाल में फंसती जा रही है। उसे समस्या का हल नहीं दिखाई दे रहा है। सत्ताधारी दलों के नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि अगर आरक्षण के मसले को हल नहीं किया गया, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। लोकसभा से भी डरावने नतीजे आ सकते हैं। हालांकि आरक्षण के भंवर जाल से निकलने के लिए सत्ताधारी दल नित नए प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन हर प्रयोग औंधे मुंह गिर रहा है। मराठा आरक्षण का चेहरा बने मनोज जरांगे पाटील ने सत्ताधारी दल को बुरी तरह से घेर लिया है। माना जा रहा है कि हालिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी की पंकजा मुंडे, रावसाहेब दानवे जैसे दिग्गजों का जरांगे पाटील ने विकेट ले लिया। नांदेड में अशोक चव्हाण चारों खाने चित हो गए। सन 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां अकेले बीजेपी ने 23 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं इस बार 9 सीटों तक सिमट गई।मनोज जरांगे अडिग
जरांगे को मनाने के लिए सरकार हर तरह से हथकंडे अपना रही है, लेकिन जरांगे टस से मस नहीं हो रहे हैं। कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन कहते हैं कि जहां तक उनकी जानकारी है कि जिस तरह के आरक्षण की मांग जरांगे पाटील कर रहे हैं, वह संभव नहीं है, फिर भी अगर कोई व्यावहारिक समाधान है, तो सरकार इसे आगे बढ़ाएगी। इस पर जरांगे कहते हैं कि वो अपने इस रुख पर अडिग हैं कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण मिलना चाहिए।

जरांगे पाटील पीछे हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने तो सरकार को यहां तक चेता दिया है कि मराठा आरक्षण को हल नहीं किया, तो वे विधानसभा की सभी 288 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उनके उम्मीदवार जीते या हारे इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हमारे लोग सत्ताधारी दलों के उम्मीदवार को जरूर गिरा देंगे।

मनोज जरांगे अडिग
जरांगे को मनाने के लिए सरकार हर तरह से हथकंडे अपना रही है, लेकिन जरांगे टस से मस नहीं हो रहे हैं। कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन कहते हैं कि जहां तक उनकी जानकारी है कि जिस तरह के आरक्षण की मांग जरांगे पाटील कर रहे हैं, वह संभव नहीं है, फिर भी अगर कोई व्यावहारिक समाधान है, तो सरकार इसे आगे बढ़ाएगी। इस पर जरांगे कहते हैं कि वो अपने इस रुख पर अडिग हैं कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण मिलना चाहिए।