मंत्रालयों में ‘लेटरल एंट्री से भर्ती’ पर मचा सियासी बवाल, मायावती-अखिलेश ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

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यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी यूपीएससी ने लैटरल एंट्री (Lateral Entry) के जरिए सीधे 45 संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है। इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के जरिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सीधी भर्ती की जाएगी। वहीं, अब इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) और सपा चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

एमएनटी न्यूज़ भारतजिला ब्यूरो चीफ़ बस्ती

मायावती ने एक्स पर कही ये बात

बसपा चीफ मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इन सरकारी नियुक्तियों में एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा। और इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाये हुये भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा।

अखिलेश यादव बोले- आ गया देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय

वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय व सांसद अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके ख़िलाफ़ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है। ये तरीक़ा आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा। आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे।

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