जब भेड़ियों से भिड़ी थी सेना..! आतंक ऐसा कि उतारनी पड़ी थी फौज, 400 शिकारी भी हो गए थे फेल

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बहराइच में भेड़ियों के हमले से लोग दहशत में हैं. भेड़ियों की वजह से लोगों को घर में दुबकने की स्थिति ने प्रशासन के माथे पर बल ला दिया है. मुख्यमंत्री इस विषय को लेकर चिंता में हैं. आपको बता दें कि ठीक 74 साल पहले भी ऐसे भेड़ियों का आतंक लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में था. भेड़ियों के आतंक की स्थिति ऐसी थी कि उनके हमलों से बचाने के लिए सेना की मदद ली गई थी.

बात है 1950 की उन स्याह रात की

बात उस समय की है जब मुस्कुराइए आप लखनऊ में है कहने वाले शहर में मातम का सन्नाटा पसर गया था. एक ही रात में भेड़िए के हमले में तीन लोगो की मौत हो गई थी. तबकी प्रदेश सरकार ने PAC और पुलिस को भेड़ियों के शमन के लिए मैदान में उतारा था. जब भेड़िए खत्म नहीं हुए तब सेना की मदद ली गई. साथ ही 400 शिकारियों को भी मैदान में उतारा गया था. 25 दिन की अथक मेहनत के बाद सेना के जवान महज 5 भेड़िए को ही मारने में सफल हो पाए थे.

फिरोजाबाद में 6 बच्चों को बनाया था निवाला

साल 1951 में फिरोजाबाद आगरा का ही एक तहसील था, यहां भी तब भेड़ियों ने आतंक मचा दिया था. उस समय दो दिनों के भीतर 6 बच्चों को भेड़िए उठाकर ले गए थे. यमुना किनारे भेड़ियों की दहशत ऐसी थी कि भरी दोपहरी में लोग घर से निकलने की नहीं सोचते थे. एक साल बाद अबके पालीवाल पार्क में जब भेड़ियों ने आतंक मचाया तब वहां के जिलाधिकारी से लोगों ने अपनी जान बचाने की गुहार लगाते हुए, भेड़ियों के मारने के लिए आदेश देने की मांग की थी.

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