बलरामपुर के तीन नए अस्पताल तैयार: लगभग 3 लाख की आबादी होगी लाभान्वित, जल्द सैपा जाएगा स्वास्थ्य विभाग को हॉस्पिटल

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बलरामपुर जिले के आकांक्षी ब्लॉकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तीन अस्पतालों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इन अस्पतालों के शुरू होने से लगभग 3 लाख की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट के बाद अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा।

जिले के आकांक्षी विकास खंडों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से तीन नए अस्पतालों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इन अस्पतालों के संचालन से आसपास के ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। अब तक, बेहतर इलाज के लिए मरीज़ों को जिला अस्पताल या अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाना पड़ता था। लेकिन इन नए अस्पतालों के चलते स्थानीय स्तर पर ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

गैसड़ी विकास खंड के भोजपुर थारू में 52 लाख 74 हजार रुपये की लागत से होम्योपैथिक अस्पताल का निर्माण किया गया है। वहीं श्रीदत्तगंज ब्लॉक में चार करोड़ 80 लाख 55 हजार रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) महदेइया और 45 लाख 68 हजार रुपये की लागत से यूनानी अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हुआ है।

अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा इन अस्पतालों की निर्माण गुणवत्ता और मानकों की जांच के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी, अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण और सहायक अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। इस टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद इन अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

स्थानीय लोगों ने अस्पतालों के संचालन को लेकर खुशी जताई है और मांग की है कि जल्द से जल्द इनका संचालन शुरू किया जाए, ताकि लोगों को दूर-दराज के अस्पतालों में जाने की जरूरत न पड़े।

लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी मुख्य विकास अधिकारी बलरामपुर संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि “गैसड़ी में होम्योपैथिक और श्रीदत्तगंज में सीएचसी व यूनानी अस्पताल का निर्माण पूरा हो चुका है। तीन सदस्यीय टीम द्वारा जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इन्हें स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा। जल्द ही इन अस्पतालों के संचालन से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।”

इन तीन अस्पतालों के शुरू होने से बलरामपुर जिले की लगभग 3 लाख की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। स्थानीय लोगों को अब अपने इलाज के लिए शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।

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