महराजगंज: 13 टन चाइनीज लहसुन और 1.5 टन चाइनीज आम किया गया नष्ट, 3800 किलो किबी पर भी कार्रवाई

64

महराजगंज के नौतनवा सोनौली कस्टम की संयुक्त टीम ने भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी कर लाई गई 13 टन चाइनीज लहसुन, 1.5 टन चाइनीज आम और 3800 किलोग्राम चाइनीज कीवी को बरामद कर आज इसे नष्ट कर दिया। अधिकारियों ने जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर सभी तस्कर सामान को नष्ट किया।

कुछ दिनों से नेपाल के रास्ते चाइनीज लहसुन की बड़े पैमाने पर तस्करी शुरू हो गई थी। इसकी वजह यह है कि भारत में लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके साथ ही चाइनीज आम और कीवी भी तस्करी के जरिए भारत लाए जा रहे थे। इस तस्करी को रोकने के लिए कस्टम की नौतनवा और सोनौली टीम ने प्रभावी कार्रवाई की, जिसके तहत आज बरामद की गई सामग्री को नष्ट किया गया।

डिप्टी कमिश्नर वैभव सिंह ने बताया कि बॉर्डर क्षेत्र में पिछले एक से डेढ़ महीने में काफी मात्रा में चाइनीज लहसुन को सीज किया गया है, जो चीन से आया हुआ था और फलों के रूप में इसमगल होकर भारत में प्रवेश कर रहा था। उन्होंने कहा कि यह सामग्री मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाई गई है और इसे नष्ट करने का निर्णय लिया गया है।

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ी है और कस्टम विभाग की मेहनत की सराहना की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि वे तस्करी के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखेंगे ताकि बाजार में मिलावटखोरी और तस्करी पर नियंत्रण पाया जा सके।

महाराजगंज: यूपी के महाराजगंज में एक बार फिर कस्टम विभाग की टीम एक्शन में दिखी है। टीम ने बड़ी संख्या में चाइनीज लहसुन, चाइनीज आम सहित चाइनीज किबी बरामद कर उसे नष्ट किया है। कस्टम विभाग की कार्रवाई से तस्करों के बीच हड़कंप मच गया है।

क्या है पूरा मामला?
बरामद सामानों की जांच में खराब गुणवत्ता वाला चाइनीस खाने-पीने का सामान मिला है, जिसके बाद उसे नष्ट कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान 13 टन चाइनीज लहसुन, 1.5 टन चाइनीज आम सहित 3800 किलो चाइनीज किबी को नष्ट किया गया है।

महराजगंज के सीमावर्ती कस्टम कार्यालय नौतनवां, सोनौली संयुक्त टीम मौके पर मौजूद रही है।

अधिकारी का सामने आया बयान
कस्टम विभाग के डिप्टी कमिश्नर वैभव सिंह का इस मामले पर बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया में चाइना से आए काफी सामान को नष्ट किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के सामान को मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है, इसलिए इसे नष्ट करवाया जा रहा है।

आखिर क्यों खतरनाक माना जाता है चीनी लहसुन?
चाइनीज लहसुन के बार में कहा जाता है कि इसमें मौजूद फंगस से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही चाइनीज लहसुन में कीटनाशकों का स्तर भी काफी ऊंचा देखा गया है। कीड़ों से बचाने के लिए इस पर मेथाइल ब्रोमाइड का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इस लहसुन को खाने से पेट की बीमारियां जैसे अल्‍सर, इन्‍फेक्‍शन आदि होने का खतरा रहता है। इस जहरीले लहसुन के सेवन से किडनी से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं। हालांकि चाइनीज लहसुन देसी लहसुन के मुकाबले सस्ता होता है इसीलिए प्रतिबंधित होने के बावजूद ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ये बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहे होते हैं।

भारतीय और चाइनीज लहसुन में क्या है अंतर?

अब सवाल ये है कि आखिल दोनों लहसुन में अंतर कैसे करें। बता दें कि आप थोड़ा सा ध्यान दें तो चीनी लहसुन को आसानी से पहचाना जा सकता है। उसका रंग, आकार और उसकी गंध देसी लहसुन से काफी अलग होती है। चीनी लहसुनों का रंग हल्का सफेद और हल्का गुलाबी होता है। वहीं, देसी लहसुन की बात करें तो ये आकार में छोटे होते हैं और उनका रंग सफेद या फिर क्रीम कलर का होता है। दोनों की गंध में भी अंतर होता है। एक तरफ जहां देसी लहसुन की गंध तेज होती है तो चाइनीज लहसुन की गंध हल्की होती है।

जिलाधिकारी की मौजूदगी में नौतनवा कस्बे के गैस गोदाम के पास जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर इन खाद्य पदार्थों को नष्ट किया गया।

कस्टम विभाग ने की कार्रवाई

गत माह में नेपाल सीमा से भारी मात्रा में चाइनीज आम, कीवी और लहसुन बरामद किए गए थे। कस्टम विभाग ने इन खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए लैब में भेजे थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद इन खाद्य पदार्थों को नष्ट करने का निर्णय लिया गया।

3.5 टन कीवी, 1.5 टन आम और 13 टन लहसुन नष्ट

कस्टम विभाग ने बताया कि कुल 3.5 टन चाइनीज कीवी, 1.5 टन चाइनीज आम और 13 टन चाइनीज लहसुन को नष्ट किया गया है। इस मौके पर कस्टम उपायुक्त वैभव कुमार सिंह, कस्टम अधीक्षक एसकेपटेल, निरीक्षक कुमार गौतम तथा प्लांट क्वारंटाइन के अधिकारी मौजूद रहे।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )