60 महिलाओं-पुरुषों का धर्मांतरण:पादरी ने गंगा किनारे लेडीज का धोया सिंदूर, सिर पर हाथ लगाकर डूबकी लगवाई; हिंदू संगठनों ने किया विरोध

71

महिलाओं के सिंदूर को पादरी ने धोया

बक्सर में गुरुवार को सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया है। एक पादरी पर हिंदू धर्म की 50 से 60 महिलाओं और पुरुषों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि कुछ महिलाएं पानी में खड़ी हैं। पादरी उनके सिर पर हाथ रख कर पहले सिंदूर मिटा रहे हैं। फिर पानी में डूबकी लगवा देते हैं।


इसी तरह पुरुष का भी पादरी धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। वहीं, इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वीडियो के आधार पर पुलिस ने पादरी को हिरासत में लिया है। पादरी से पूछताछ की जा रही है। मामला सिमरी थाना क्षेत्र के नगपुरा गांव की महावीर गंगा घाट की है।

महिलाओं के सिंदूर को पादरी ने धोया

मिली जानकारी के अनुसार पादरी ने एक बस में 50 से 60 हिंदू धर्म के लोगों को इकट्ठा किया। इसके बाद महावीर गंगा घाट पर सभी को लाया। यहां महिलाओं का सिंदूर धोया। सिर पर हाथ रख कर डूबकी लगवाई। इन सभी लोगों को पादरी ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे….”

लोगों के दूर हुए कष्ट, अपनाना चाहते थे ईसाई धर्म

पादरी राजू राम भोजपुर का रहने वाला है। राजू राम ने बताया कि हमारे पास कई लोग आए, जिन्होंने अपनी बीमारियों के बारे में बताया। इसके बाद हमने उन्हें कहा कि आप दवाई लीजिए। मैं अपने जीसस गॉड से प्रार्थना करूंगा की आपकी बीमारी ठीक हो जाए। आपके कष्ट दूर हो जाएं। इसके बाद जिन लोगों के कष्ट दूर हुए। वे अपने मन से हमारे धर्म को अपनाना चाहते थे।

हमने उन्हें बाइबिल के बारे में बताया। उन्हें ईसाई धर्म के बारे में शिक्षा दी। हमने किसी पर दबाव नहीं बनाया। सारे लोग अपनी मर्जी से आए थे। इसलिए हम पुलिस से मांग करेंगे की निष्पक्ष जांच हो। ऐसे भी कहा गया है कि जिसे जो धर्म अपनाना है वो अपना सकता है।

सरकार से मांग- धर्म परिवर्तन के लिए लाया जाए कानून

हिंदू संगठन के सदस्य मुकुंद सनातन ने बताया कि हमे सूचना मिली की एक पादरी 50 से 60 महिलाओं और पुरुषों को सिमरी गंगा घाट पर लेकर पहुंचा है। उनका धर्म परिवर्तन कर रहा है।इसको लेकर हमने थाना में आवेदन दिया है। लेकिन बताया गया कि इसको लेकर बिहार में कोई लॉ नहीं है। मेरी बिहार सरकार और हिंदू समाज से मांग है कि इस तरह का कानून बनना चाहिए। ताकि गांव के भोले-भाले ग्रामीणों को मूर्ख बनाकर धर्मांतरण न कराया जा सके।

वहीं, मुकुंद सनातन ने बताया कि अगर प्रार्थना और तेल-पानी से ब्लड कैंसर ठीक हो सकता, तो कैंसर हॉस्पिटल को बंद कर देना चाहिए। साथ ही अगर ये धर्मांतरण करते हैं तो इनके आरक्षण को भी समाप्त कर देना चाहिए।

लोगों को समझा-बूझाकर बस से उतारा गया

सिमरी थानाध्यक्ष कमल नयन पांडेय के अनुसार, बस में सवार सभी लोगों को समझा-बुझाकर गाड़ी से उतारा गया। उन्हें समझाया गया कि किसी भी प्रकार का धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से होना चाहिए, न कि किसी के दबाव में। फिलहाल, पुलिस पादरी से इस पूरे मामले की जानकारी लेने में जुटी है। उन व्यक्तियों से भी पूछताछ कर रही है, जो बस में मौजूद थे।

प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि इनमें से सभी लोग गांवों से आए हुए हैं, जिन्हें गंगा घाट पर बाइबिल के अनुसार गुरु दीक्षा के लिए लाया गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चेतावनी दी है कि धर्मांतरण कानून का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

थाने पर बैठी महिला पूनम कुमारी ने बताया कि जो लोग प्रार्थना करते हैं, उसके लिए नियम है की पानी में डुबाकर प्रार्थना किया जाता है। ईसाई धर्म के नियम के तहत सभी लोग यहां आए हैं। वहीं, महिला शीला देवी ने बताया कि बाइबिल के नियम के तहत बपतिस्मा(क्रिश्चन में पानी से शुद्धि करने को कहते हैं) के लिए गंगा घाट पहुंचे हुए थे।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )