छात्रों को तिलक लगाने और ‘जय श्रीराम’ ने रोका: हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन, कहा- प्रोफेसर के खिलाफ हो कठोर कार्रवाई

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प्रोफेसर ने कहा है कि जय श्री राम बोलना राजनीतिक है। प्रोफेसर की हरकतों से छात्रों में असंतोष है। उन्होंने प्रोफेसर पर बदतमीजी और भेदभाव का भी आरोप लगाया है। इस मामले में हिन्दू संगठनों ने भी छात्रों का समर्थन किया है। हिन्दू संगठनों ने छात्रों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 22 नवंबर, 2024 में परागपुर के बलाहर में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के छात्रों ने प्रदर्शन किया। छात्र एक प्रोफेसर द्वारा कथित तौर पर माथे पर तिलक लगाने और जय श्री राम का नारा लगाने से मना करने को लेकर नाराज थे।

छात्रों ने इससे पहले संस्थान निदेशक प्रोफेसर सत्यम कुमारी को एक शिकायत सौंपी थी। उन्होंने इस मामले की जाँच अनुशासन समिति से करने को कहा था। छात्रों के अनुसार, प्रोफेसर ने उन्हें तिलक लगाने और ‘जय श्री राम’ कहने से रोका है।

विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल और ब्राह्मण सभा जैसे अन्य हिंदू समूहों ने संस्थान के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने जय श्री राम के नारे लगाए और भगवान राम के भजन भी गाए। उन्होंने मामले पर चर्चा करने के लिए प्रोफेसर कुमारी से भी मुलाकात की और प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है।

संस्कृत संस्थान की प्रोफेसर कुमारी ने कहा, “छात्रों की शिकायत हमें मिल गई है और अनुशासन समिति का गठन किया गया है। प्रोफेसर और छात्रों दोनों को समिति के सामने अपना बयान देने के लिए कहा गया है। प्रोफेसर को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और स्थिति के लिए गलतफहमी को जिम्मेदार ठहराया। अनुशासन समिति की रिपोर्ट जल्द ही सामने आएगी। हिंदू जागरण मंच के नेता भी राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के परिसर में पहुँचे और प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन किया है।

विहिप कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर के व्यवहार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। विहिप के एक सदस्य ने कहा, “हम अपने धार्मिक अधिकारों का किसी भी तरह से दमन बर्दाश्त नहीं करेंगे।” इस बीच, छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर एक्शन नहीं लिया गया तो वह विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।