सर्दियों में होने वाली इन परेशानियों से राहत दिलाएगा देसी घी, जानें ये आसान 5 नुस्खे और देखें फायदे

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नई दिल्ली: सर्दी का मौसम अपने साथ सर्दी-खांसी, त्वचा का रूखापन और इम्यूनिटी कमजोर होने जैसी समस्याएं लेकर आता है। ऐसे में देसी घी, जो भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है, इन समस्याओं से बचाने में बेहद मददगार साबित हो सकता है। आयुर्वेद में देसी घी को “अमृत” समान माना गया है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व और गुणकारी तत्व होते हैं, जो सर्दी में शरीर को अंदर से मजबूत और गर्म रखते हैं। आइए जानते हैं देसी घी के 5 नुस्खों के बारे में, जो सर्दी के मौसम में आपकी सेहत का ख्याल रखेंगे।



1. सर्दी-खांसी में राहत के लिए

अगर आपको सर्दी-खांसी हो रही है, तो देसी घी का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। एक चम्मच देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर इसे हल्का गर्म करें और रात को सोने से पहले खाएं। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की खराश और संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं।

2. त्वचा का रूखापन दूर करने के लिए

सर्दी में त्वचा का रूखापन आम समस्या है। देसी घी का इस्तेमाल मॉइस्चराइजर के तौर पर करें। इसे हल्का गर्म करके त्वचा पर मालिश करें। यह त्वचा को नमी देता है और उसे मुलायम बनाए रखता है।



3. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए

सर्दी के मौसम में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर जल्दी बीमार हो सकता है। रोजाना एक चम्मच देसी घी खाने से शरीर को जरूरी फैटी एसिड्स और विटामिन्स मिलते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसे गर्म दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।

4. गठिया और जोड़ों के दर्द में मददगार

ठंड में जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में देसी घी का सेवन और इसे प्रभावित जगह पर मालिश करना राहत दिला सकता है। देसी घी में लुब्रिकेटिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो जोड़ों को लचीला और दर्दमुक्त रखती हैं।

5. हाजमा सुधारने के लिए

ठंड में अक्सर लोग भारी और तैलीय खाना खाते हैं, जिससे पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है। देसी घी पेट को साफ रखने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। सुबह खाली पेट एक चम्मच घी गर्म पानी के साथ लेने से पाचन अच्छा रहता है।

सावधानियां

हालांकि देसी घी बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है। जो लोग हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।

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