नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि औरंगजेब ने धर्म और संस्कृति का अपमान किया था, जिससे उसके वंशजों को कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने उदाहरण के रूप में कोलकाता में रिक्शा चलाते हुए एक व्यक्ति का जिक्र किया, जो औरंगजेब के परिवार से संबंधित था। अगर औरंगजेब ने ऐसा न किया होता, तो आज उसके वंशजों की स्थिति अलग होती।

वैश्विक सभ्यता को बचाना है

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि हमें वैश्विक सभ्यता को बचाना है, तो सनातन धर्म का सम्मान करना होगा। उन्होंने बताया कि हमारे प्राचीन ऋषियों ने हजारों साल पहले ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का सिद्धांत बताया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है, जिसने संकट के समय अन्य धर्मों को शरण दी, लेकिन क्या कभी हिंदुओं के साथ ऐसा हुआ है? बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदू समुदाय की स्थिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने यह बात कही।




योगी आदित्यनाथ ने काशी, अयोध्या और संभल का जिक्र करते हुए कहा कि इन स्थानों पर हिंदू मंदिरों को नष्ट किया गया। उन्होंने उदाहरण दिया कि औरंगजेब के परिवार से संबंधित एक व्यक्ति आज कोलकाता में रिक्शा चला रहा है। अगर औरंगजेब ने कभी धर्म का अपमान न किया होता, तो उसकी पीढ़ियां आज बेहतर स्थिति में होतीं।

संभल का जिक्र क्यों किया गया?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं द्वारा अक्सर अयोध्या, काशी और मथुरा का उल्लेख किया जाता है, क्योंकि इन स्थानों पर मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद रहे हैं। हालांकि, संभल का नाम अब तक अधिक चर्चा में नहीं आया था। हाल ही में, स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम ने एक मस्जिद का सर्वेक्षण किया था। इस दौरान, उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़पें हुई थीं। इसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की। जांच के दौरान एक पुराना मंदिर मिला, जो पिछले 46 साल से बंद था और उसी स्थान पर खुदाई में एक कुआं और मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल का नाम भी चर्चित हो गया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि इस स्थान पर पहले मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और हिंदुओं का पूजा का अधिकार यहां है।