हिंदू बनना चाहता था परिवार, योगी से की अपील, लखनऊ सामूहिक हत्याकंड में अरशद ने बताया क्यों की हत्या

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Lucknow Family Murder case: यूपी के लखनऊ में 31 दिसंबर को अपनी मां और 4 बहनों का कत्ल करने वाले अरशद का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है. इसमें अरशद ने बताया कि वो और उसका परिवार हिंदू बनना चाहता था. लेकिन गांव में रहने वाले मुसलमानों को ये बात मंजूर नहीं थी. वो इसके लिए उसे और उसके परिवार को परेशान करते थे. अरशद ने कहा- हमारी जमीन पर गांव वालों ने कब्जा कर लिया. मेरी बहनों को वो लोग हैदराबाद में बेचना चाहते थे. इसके अलावा भी अरशद ने कई आरोप लगाए. अरशद ने सीएम योगी से खास अपील की है. कातिल अरशद का करीब साढ़े 6 मिनट का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो कबूल कर रहा है कि हत्या उसी ने की और इस दौरान उसने कत्ल करने की वजह भी बताई है.




करीब साढे़ छह मिनट के इस वीडियो में अरशद कह रहा है कि आज बस्‍तीवालों की वजह से हमने थक हारकर पूरी फैमिली ने यह कदम उठाया है. आज अपने हाथ से अपनी बहनों और अपने आपको मारा है मैंने. पुलिसवालों को यह वीडियो मिले तो समझ‍िए कि इसके लिए बस्‍तीवाले जिम्‍मेदार हैं. उन्‍होंने हमारा घर छीनने के चक्‍कर में हमारे ऊपर काफी जुल्‍म किए हैं. हमने आवाज उठाई लेकिन क‍िसी ने हमारी नहीं सुनी.

मुसलमानों को मत छोड़ो

हमें दस-पंद्रह दिन हो गए। हम फुटपाथ पर सो रहे हैं ठंड में. हमारा घर इन्‍होंने छीन लिया है. पेपर हमारे पास हैं. हम घर को मंदिर के नाम करना चाहते थे. लखनऊ पुलिस से हमारी गुजारिश है कि इनके जैसे मुसलमान कहीं मत छोड़ो आप. आप जो कर रहे हो बहुत बढ़‍िया कर रहे हो. मुसलमान हर जगह जमीनों पर कब्‍जा करते हैं. लोगों पर जुल्‍म करते हैं. न जाने कैसे कैसे गैरकानूनी धंधे करते हैं, नकली नोट छापते हैं. हमने इनके खिलाफ बहुत कार्रवाई करने की कोशिश की. हम नहीं करवा सके.




इसलिए की हत्या 

हमारी मौत की जिम्‍मेदार पूरी बस्‍ती है. सबसे मेन हैं रानू उर्फ आफताब अहमद, अलीम खान, ड्राइवर, अहमद, आरिफ, अजहर. इनके और रिश्‍तेदार हैं जो ऑटो चलाते हैं. ये लोग बहुत बड़ा भूमाफि‍या का गैंग चलाते हैं. ये लोग लड़कियों को बेचते हैं. इनका प्‍लान था कि हम दोनों को झूठे इल्जाम में जेल भ‍िजवाकर हमारी बहनों को हैदराबाद बेच दें. इसलिए हमें मजबूरन रात के एक-दो बजे अपनी बहनों का गला दबाकर उनकी नसें काटकर मारना पड़ा.

किसी ने नहीं की मदद 

इसे बाद अरशद कैमरा मृत और घायल बहनों की तरफ दिखाता है. सुबह तक मैं भी जिंदा न मिलूं. पुलिस से मदद मांगी, बजरंगदल से मदद मांगी, बीजेपी से मदद मांगी लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की. इस आखिरी वीडिया में बस यही कहना चाहूंकि ये लोग बहुत झूठे लोग हैं. हम बदायूं के रहने वाले हैं. हमारी ताई के पास सन 1947 तक का प्रूफ मिल जाएगा. ये हम पर झूठा इल्‍जाम लगा रहे हैं. ये लोग हमें बांग्‍लादेशी बता रहे हैं. हमारे पूरे खानदान तक का, हमारे दादा तक का प्रूफ आपको मिल जाएगा बदायूं में. हमारी ताई रहती हैं.

परिवार समेत धर्म परिवर्तन करना चाहते 

हम लोग बस्‍तीवालों से तंग आकर धर्म परिवर्तन करना चाहते थे ताकि हमें चैन से जीने दें. हम लोग मंदिर बनाएं. हम लोग पूजा-पाठ करते थे. सब करते थे. हम लोगों ने बहुतों से मदद मांगी लेकिन किसी ने मदद नहीं की.

योगी-मोदी से की अपील 

मेरी मोदी जी और योगी जी से यही विनती है कि हर मुसलमान एक जैसा नहीं होता. आप जैसा सोचते हो. हाथ जोड़कर कहता हूं कि जीते जीते इंसाफ न मिल पाया तो कम से कम मरने के बाद इंसाफ कर दीजिए. उन लोगों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए.

हमारे घर में मंदिर बनना चाहिए

बहत से नेताओं और पुलिस वालों तक पहुंच रखते हैं. हमारा आधा प्‍लॉट तो छीन लिया, आधा भी छीनना चाहते थे. अगर आप सच्‍चे हिंदू हैं तो हमारे घर में सिर्फ मंदिर बनना चाहिए. जो सामान हमारी बहनों ने बहुत प्‍यार से सींचा था उसे किसी अनाथालय को दे दीजिएगा.