Aadhar Card की तरह किसानों के लिए बनेगी अलग ID, ऐसे मिलेगा सभी योजनाओं का लाभ; पढ़ें पूरी डिटेल

तीन वर्ष में 11 करोड़ किसानों के बनाए जाने हैं डिजिटल पहचान पत्र। एक बार बन जाने के बाद नहीं पड़ेगी बार-बार केवाईसी की जरूरत।

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Farmer ID केंद्र सरकार कृषि का डिजिटलीकरण करने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस दिशा में डिजिटल कृषि मिशन काफी अहम माना जा रहा है जिसके तहत आधार कार्ड की तर्ज पर किसानों के लिए भी अलग से आईडी बनाने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही और भी कई कार्य एक ही आईडी की मदद से आसानी से किए जा सकेंगे।

आधार कार्ड की तरह किसानों को फार्मर आईडी बनाया जा रहा है। नए वर्ष में कृषि से संबंधित तमाम योजनाओं के लाभ लेने के लिए फार्मर आईडी जरूरी होगा। अब पीएम-किसान सम्मान, फसल बीमा एवं कृषि से संबंधित अन्य योजनाओं का लाभ फार्मर आईडी के आधार पर ही दिया जाएगा।

ये पहचान पत्र केंद्र एवं राज्य सरकारों के सौजन्य से बनाए जा रहे हैं, जिसमें भूमि, पशु एवं बुआई की गई फसलों के साथ किसानों से संबंधित विभिन्न विवरण होंगे। सबसे बड़ा लाभ है कि एक बार फार्मर आईडी बन जाने के बाद किसानों को बार-बार केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डिजिटल कृषि मिशन’
कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव के लिए केंद्र सरकार ने ‘डिजिटल कृषि मिशन’ की शुरुआत की है। इस पर 2817 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल ढांचा तैयार करने एवं योजनाओं के लाभ को किसानों तक व्यवस्थित तरीके से पहुंचाने के लिए एग्री स्टैक योजना लाई है।

इसकी महत्वपूर्ण विशेषता आधार कार्ड की तरह किसान पहचान पत्र बनाना है। किंतु यह आधार से अलग होगा। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के रूप में डिजाइन की गई इस योजना में तीन घटक शामिल किए गए हैं। किसानों की संपूर्ण प्रमाणित विवरण, जोत एवं बुआई की गई फसलों के साथ विभिन्न उपयोगी आंकड़ों का संग्रह किया जाना है।




19 राज्यों ने किया कृषि मंत्रालय के साथ समझौता
इसमें किसानों के साथ पशुधन, मछली पालन, मिट्टी स्वास्थ्य, अन्य कृषि कार्यों, पारिवारिक विवरण एवं लाभों के विवरण को राज्यों एवं केंद्र सरकार के मंत्रालयों से भी साझा किया जाएगा। इसके लिए अभी तक 19 राज्यों ने कृषि मंत्रालय के साथ समझौता किए हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं महाराष्ट्र समेत छह राज्यों के एक-एक जिले में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है। इसके बाद बिहार के छह जिलों में फार्मर आईडी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।

केंद्र ने तीन वर्षों में 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का लक्ष्य रखा है। इनमें वर्ष 2024-25 में छह करोड़, 2025-26 में तीन करोड़ एवं 2026-27 में दो करोड़ पहचान पत्र बनाए जाएंगे। दिसंबर तक 30 लाख फार्मर आईडी बनाए जा चुके हैं। दो वर्ष के भीतर देश भर में डिजिटल फसल सर्वेक्षण प्रारंभ करना है। वित्त वर्ष 2024-25 में चार सौ जिलों एवं 2025-26 में बाकी सभी जिलों को कवर करना है।