Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर भूलकर भी न करें ये काम, इन बातों को ध्यान रखने से मिलेंगे कई लाभ
मकर संक्रांति भारत के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। इस दिन को विशेष रूप से दान, स्नान और सूर्य उपासना के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
नई दिल्ली: मकर संक्रांति भारत के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। इस दिन को विशेष रूप से दान, स्नान और सूर्य उपासना के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन किए गए शुभ कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है, लेकिन, कुछ गलतियां इस दिन के पुण्य लाभ को समाप्त कर सकती हैं। आइए जानें कि मकर संक्रांति के दिन किन कार्यों से बचना चाहिए।
1. बिना स्नान के पूजा न करें
मकर संक्रांति के दिन स्नान का विशेष महत्व है। इसे बिना स्नान किए पूजा-पाठ करना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना पुण्यदायी होता है। यदि यह संभव न हो तो घर पर स्नान करके ही पूजा करें।
2. क्रोध का त्याग करें
स्नान से पहले और पूरे दिन क्रोध या कठोर शब्दों का उपयोग न करें। इस दिन सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि नकारात्मक व्यवहार आपके पुण्य को नष्ट कर सकता है।
3. तामसिक भोजन से बचें
स्नान से पहले या पूरे दिन तामसिक भोजन जैसे मांसाहार और नशीले पदार्थों का सेवन न करें। मकर संक्रांति का दिन सात्विकता और संयम का प्रतीक है। इस दिन ताजा और शुद्ध भोजन का ही सेवन करें।
4. दूसरों को अपमानित न करें
मकर संक्रांति के दिन किसी का अपमान करना या बुरा बोलना अशुभ माना जाता है। इस दिन सभी से प्रेमपूर्वक व्यवहार करें और किसी को दुखी न करें।
5. दान करें
मकर संक्रांति पर दान का अत्यधिक महत्व है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल और गुड़ का दान करें। यदि आप दान नहीं करते हैं, तो आपके पुण्य कर्म अधूरे माने जा सकते हैं।
मकर संक्रांति के विशेष कार्य
मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें। तिल और गुड़ से बनी चीज़ों का भोग लगाएं और दूसरों को भी वितरित करें। गाय और पक्षियों को भोजन कराना पुण्यकारी होता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति पर किए गए पवित्र कार्यों से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है, लेकिन किसी भी शुभ कार्य के लिए शुद्ध मन और शरीर का होना आवश्यक है। इसलिए, इन गलतियों से बचें और पूरे दिन पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखें।