Mahakumbh 2025: कौन हैं सबसे सुंदर साध्वी Harsha Richharya, कहां से आई हैं, जानिए सबकुछ

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Harsha Richhariya: हर्षा रिछारिया महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान रथ पर बैठी नजर आने वाली हर्षा रिछारिया इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा वह सबसे सुंदर साध्वी हैं। हालांकि, इस पर हर्षा रिछारिया बता चुकी हैं कि वह साध्वी नहीं है। हालांकि, निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान रथ पर हर्षो के बैठने को लेकर अब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि जिसने अभी यह तय नहीं किया है कि सन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है उसे संत महात्माओं के साथ भगवान कपड़े में शाही रथ पर बैठाना पूरी तरह से गलत है। ऐसे में आइए जानते हैं साध्वी बनने के क्या नियम हैं।

साध्वी बनने की क्या प्रक्रिया होती है?
साध्वी बनने के लिए महिला को बड़ी कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। साध्वी बनने के लिए कई चीजों का त्याग करना पड़ता है।
साध्वी बनने से पहले महिला के घर परिवार और यहां तक की उनकी जन्म कुंडली की जांच की जाती है।
साथ ही साध्वी को यह भी साबित करना पड़ता है कि उनका अब अपने परिवार और समाज से कोई रिश्ता नाता नहीं है। उन्हें मोह का त्याग करना होता है।
साध्वी को भौतिक सुख साधनों का भी त्याग करना पड़ता है और तामसिक भोजन से जीवन भर के लिए परहेज करना पड़ता है।
साथ ही महिला साध्वी को जीवनभर भगवा रंग के वस्त्र धारण करने होते हैं। साध्वी बनने की प्रक्रिया से पहले अपना सिर मुंडवाना होता है। इसके बाद शुद्धिकरण के लिए किसी पवित्र नदी में कम से कम 100 बार डुबकी लगानी होती है।
साध्वी बनने के लिए सबसे पहले जरूरत होती है गुरु की। गुरु से दीक्षा लेने के बाद ही साध्वी बनने का आगे का रास्ता बनता है।
गुरु दीक्षा में गुरु अपने शिष्य को मंत्र देने के साथ-साथ ज्ञान भी देते हैं। गुरु दीक्षा लेने के बाद सांसारिक जीवन से मोह का त्याग कर धार्मिक किताबों को बढ़ना शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करना होता है।
साथ ही एक बाद जब किसी को गुरु सेवा मिल जाती है तो उन्हें अपने गुरु की सेवा करनी पड़ती है और उनके आदेशों का पालन करना पड़ता है।
कौन है हर्षा रिछारिय ?हर्षा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशनंदगिरी जी महाराज की शिष्या हैं। वह महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हैं। हालांकि, अपने सोशल मीडिया पर हर्षा ने खुद को सोशल एक्टिविस्ट, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर भी बताया हुआ है। हर्षा मूलरूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं। अध्यात्म से जुड़ने से पहले वह एंकरिंग किया करती थी। हालांकि, हर्षा ने यह साफ किया है कि करीब पौने दो साल पहले उन्हें अपने गुरु से दीक्षा ली थी। लेकिन, अभी तक उन्होंने संन्यास धारण करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।

IIT बाबा और हर्षा रिछारिया के बारे में जानिए
अभय सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं उन्होंने मुंबई के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की हैअभय ने साइंस और टेक्नोलोजी की दुनिया को अलविदा कहकर वैराग्य का रास्ता चुनाअभय सिंह महाकुंभ में IIT बाबा के नाम से फेमस हो गए हैंहर्षा रिछारिया का जन्म झांसी में हुआ, भोपाल में पली-बड़ी हैंहर्षा ग्लैमर की दुनिया का हिस्सा रह चुकी हैंहर्षा ने मॉडलिंग से लेकर एंकरिंग तक हर मंच तक अपनी छाप छोड़ीहर्षा महाकुंभ में सोशल मीडिया सेंसेशन बन गई हैं.

भगवान से जुड़ने के लिए कुछ बुरा होना जरूरी नहीं”
हर्षा का कहना है कि लोग उनसे सवाल पूछ रहे हैं लेकिन उनको लगता है कि भगवान से जुड़ने के लिए या संस्कृति से जड़ने के लिए लाइफ में कुछ बुरा होना जरूरी नहीं है. कभी-कभी इंसान खुद इस ओर खिंचा चला जाता है. ये बातें सोशल मीडिया पर उनके जुड़ाव को और भी रोचक बनाती हैं. सवाल ये है कि ये क्या सिर्फ एक आध्यात्मिक सम्मान है या फिर इसके पीछे कुछ और भी है.

प्रयागराज:
Mahakumbh 2025: पूरे देश में इन दिनों महाकुंभ की धूम है. महाकुंभ में पहुंचे दो चेहरों की चर्चा इन दिनों पूरे देश में है. पहला नाम है IIT बाबा अभय सिंह (IIT BABA Abhay Singh) और दूसरा नाम है भोपाल की रहने वाली हर्षा रिछारिया (Sadhvi Harsha Riccharia) का. उनको कुंभ में सबसे सुंदर साध्वी कहा जा रहा है. हालांकि हर्षा खुद ये साफ कर चुकी हैं कि वह साध्वी नहीं हैं. सवाल ये है कि क्या IIT बाबा और हर्षा रिछारिया के बीच कोई कनेक्शन है.

महा कुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में साधू संतों का जमावड़ा है। भक्त इन साधुओं को देख हैरत में हैं। लेकिन इसी बीच कुंभ में एक ऐसी साध्वी आई हैं जिनकी खूबसूरती ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। सोशल मीडिया पर साध्वी की ये तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।