लो भैया, खुल गया संभल हिंसा का राज, 10-20 लोगों के मरने का इंतजार कर रहा था ये मुस्लिम

संभल में मस्जिद सर्वे के विरोध में हुई हिंसा में चर्चित अपराधी शारिक साटा के कनेक्शन की पुष्टि हुई है। पुलिस ने उसके गिरोह में काम करने वाले एक बदमाश को पकड़ ल‍िया है। जिसने पूछताछ में कहा है कि हिंसा करवाने में शारिक साटा का मुख्य रोल रहा है। उसके इशारे पर गुर्गे हिंसा में शामिल हुए और गोलियां चलाईं।

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नई दिल्ली: संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में हुई हिंसा में चर्चित अपराधी शारिक साटा के संबंधों का खुलासा हुआ है। पुलिस ने उसके गिरोह के एक सदस्य मुल्ला अफरोज को गिरफ्तार किया है, जिसने पूछताछ में बताया कि शारिक साटा का हिंसा में महत्वपूर्ण रोल था। अफरोज के अनुसार, शारिक के निर्देश पर उसके गुर्गों ने हिंसा में भाग लिया और गोलियां चलाईं, जिनमें बिलाल और अमान की मौत हुई थी।

सीओ अनुज चौधरी ने दी जानकारी

अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश्चंद्र और सीओ अनुज चौधरी के नेतृत्व में रविवार को नगर कोतवाली में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया गया कि पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी, जिसके आधार पर नखासा थाना क्षेत्र के हुसैनी रोड से मुल्ला अफरोज को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अफरोज ने बताया कि वह शारिक साटा के गैंग का सदस्य है और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर महंगी गाड़ियों की चोरी करके उन्हें बंगाल, असम और नेपाल जैसे स्थानों पर भेजता था। साथ ही, उसने विदेशी हथियारों की डिलीवरी भी की थी।

शारिक साटा के आदेश हिंसा में शामिल हुआ

अफरोज ने यह भी बताया कि शारिक साटा के आदेश पर वह जामा मस्जिद हिंसा में शामिल हुआ था। शारिक ने अपने गुर्गों से कहा था कि यदि 10-20 लोग मारे जाते हैं, तो सरकार और प्रशासन दबाव में आएगा, जिससे उनका काम आसान हो जाएगा। आरोपित ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य कर्फ्यू लगवाना था, जिससे पुलिस और जनता के बीच घबराहट फैलती और उनका प्रभाव बढ़ता। अफरोज ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे ताकि उनकी पहचान न हो सके। पुलिस ने बताया कि अफरोज पर थाना नखासा और संभल कोतवाली में नौ मामले दर्ज हैं और उसके अन्य साथियों की तलाश जारी है।