एक तरफ हिंदू विहीन हो रहे मेवात के गाँव, दूसरी तरफ लड़कों के कपड़े पहन पहचान छिपा रही लड़कियाँ, बाहर कपड़े भी नहीं सुखा सकतीं: वजह डेमोग्राफी चेंज

145

“हत्या, अपहरण, लव जिहाद, धर्मांतरण, गोतस्करी, गोहत्या… ऐसे तमाम अपराधों के लिए कुख्यात मेवात (जो मुख्य रूप से हरियाणा के नूंह, राजस्थान के अलवर, भरतपुर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है) एक बार फिर चर्चा में है।

कारण दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में दो महिला पत्रकारों ने जमीन पर उतरकर इस क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों के जीवन की उस हकीकत को बयान किया है जिसकी कल्पना मेवात इलाके से बाहर रहने वाले कर भी नहीं सकते। रिपोर्ट मुख्यत: अलवर के मेवात इलाके से जुड़ी है।

सोचकर देखिए, सुनकर ही कैसा लगता है कि घर की दहलीज तक जाने के लिए छोटी-छोटी बच्चियों को चेहरे पर नकाब लगाना पड़े या बाहर जाने के लिए लड़कियाँ अपने कपड़े छोड़कर लड़कों वाले कपड़े पहनें ताकि किसी की नजर उनपर न पड़े और उनके साथ कोई अनहोनी न हो। दिन की रौशनी में लड़कियाँ मुँह ऐसे ढककर घूमें जैसे अगर पर्दा हटा तो कुछ भी हो सकता है……”