कर्तव्य पथ पर भीष्म टैंक ने भरी हुंकार, गरजे ब्रह्मोस-रफाल

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इस बार गणतंत्र दिवस की थीम स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास है। परेड की शुरुआत संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई। इसमें देशभर से 300 प्रतिभाशाली कलाकारों ने हिस्सा लिया। इसके बाद इंडोनेशिया की सशस्त्र सेनाओं का मार्चिंग दस्ता कर्तव्य पथ से गुजरा…

नई दिल्ली : आज भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के लिए कर्तव्य पथ पहुंचे। वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के साथ बग्गी में बैठकर कर्तव्य पथ पहुंचे।

300 प्रतिभाशाली कलाकारों ने हिस्सा लिया

इस बार गणतंत्र दिवस की थीम स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास है। परेड की शुरुआत संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई। इसमें देशभर से 300 प्रतिभाशाली कलाकारों ने हिस्सा लिया। इसके बाद इंडोनेशिया की सशस्त्र सेनाओं का मार्चिंग दस्ता कर्तव्य पथ से गुजरा।

कर्तव्य पथ पर तीनों सेनाओं ने अपनी ताकत दिखाई

भारत ने 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी सैन्य शक्ति का शानदार तरीके से प्रदर्शन किया। इसमें विशेष मार्चिंग टुकड़ियाँ, मिसाइलें और कई तरह के स्वदेशी हथियार शामिल थे। मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी इस ऐतिहासिक पहल के गवाह बने। भारत की राजधानी के कर्तव्य पथ पर पहली बार सेना की तीनों सेनाओं की झांकी देखने को मिली, जिसमें सशस्त्र बलों के बीच तालमेल की व्यापक भावना को दर्शाया गया। इसमें युद्ध के मैदान का दृश्य दिखाया गया, जिसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर जमीन, पानी और हवा में समन्वित संचालन का प्रदर्शन कर रहे थे। सेना की तीनों सेनाओं की झांकी का विषय था सशक्त और सुरक्षित भारत।

भीष्म टैंक-ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन

घुड़सवार दस्ते का नेतृत्व करने वाली पहली सैन्य टुकड़ी 61 कैवेलरी थी, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट अहान कुमार कर रहे थे। वर्ष 1953 में स्थापित 61 कैवेलरी दुनिया की एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार रेजिमेंट है। इसके बाद नौ मशीनीकृत टुकड़ियों और नौ मार्चिंग टुकड़ियों ने परेड की। टैंक टी-90 भीष्म, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली और ऑल-टेरेन व्हीकल (चेतक) भी परेड का हिस्सा बने। लाइट स्पेशल व्हीकल बजरंग, व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम ऐरावत, क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल नंदीघोष और त्रिपुरांतक और शॉर्ट-स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम भी प्रदर्शित किए गए।

विभिन्न रेजिमेंटों का मार्च

सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सिग्नल कोर शामिल थे। भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 कर्मी शामिल थे, जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया ने टुकड़ी कमांडर और लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र ने प्लाटून कमांडर के रूप में किया।

नौसेना ने ताकत दिखाई

इसके बाद नौसेना की झांकी दिखाई गई, जिसमें भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम एक मजबूत आत्मनिर्भर नौसेना को दर्शाया गया। झांकी में INS सूरत, युद्धपोत INS नीलगिरी और पनडुब्बी INS वाग्शीर सहित अत्याधुनिक फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान दिखाए गए। ये स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में भारत की तेजी से प्रगति का प्रतिबिंब हैं। झांकी ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।

आसमान में गरजे राफेल-सुखोई

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती के नेतृत्व में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल थे. इसके बाद बाज फॉर्मेशन में तीन मिग-29 विमानों द्वारा फ्लाई-पास्ट किया गया. परेड का एक अन्य आकर्षण विकसित भारत की ओर सदैव अग्रसर विषय पर पूर्व सैनिकों की झांकी थी, जो राष्ट्र के प्रति पूर्व सैनिकों की अटूट भावना को भावभीनी श्रद्धांजलि थी. खेलों में भारत का नाम रोशन करने वाले कई दिग्गज भी परेड का हिस्सा थे.

गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर समेत कुल 40 विमानों ने हिस्सा लिया. लड़ाकू जहाजों की गगनभेदी आवाज और उनकी जांबाजी भरे करतबों से दर्शक बेहद उत्साहित नजर आए. इन विमानों में राफेल, सुखोई, जगुआर, डॉनियर, अपाचे हेलीकॉप्टर, सी 17, सी 295 आदि विमान शामिल थे.

इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों की मार्चिंग टुकड़ी

इंडोनेशिया की 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया। यह पहली बार था जब इंडोनेशियाई मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने विदेश में राष्ट्रीय दिवस परेड में हिस्सा लिया। कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाली टुकड़ियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 148 सदस्यीय महिला मार्चिंग टुकड़ी शामिल थी, जिसका नेतृत्व सहायक कमांडेंट ऐश्वर्या जॉय एम.

असम राइफल्स की टुकड़ी का नेतृत्व 29 असम राइफल्स के कैप्टन करणवीर सिंह कुंभावत ने किया। इसमें देश भर से भर्ती किए गए सैनिक शामिल थे। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ऊंट टुकड़ी की कमान डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खिंची ने संभाली। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की लड़कियों की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय की सीनियर अंडर ऑफिसर एकता कुमारी ने किया। वहीं, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के 148 स्वयंसेवकों के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व पंजाब से दीपक ने किया। पहली बार कर्तव्य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्तुति दी।