भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण, वैज्ञानिक तरीकों से साक्ष्य संकलन व विवेचना की दी गई विस्तृत जानकारी

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श्रावस्ती।।भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को लागू किया गया है। इन अधिनियमों के प्रभावी क्रियान्वयन और पुलिस अधिकारियों को इनके प्रावधानों से अवगत कराने के लिए जनपद श्रावस्ती में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर परिक्षेत्र के निर्देशन एवं पुलिस महानिरीक्षक, देवीपाटन परिक्षेत्र के पर्यवेक्षण में संपन्न हुआ। जिलाधिकारी श्री अजय कुमार द्विवेदी एवं पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया की अध्यक्षता में पुलिस लाइन श्रावस्ती के सभागार कक्ष में यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विधि विज्ञान विशेषज्ञों द्वारा पुलिस अधिकारियों को कानूनों के अद्यतन प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी दी गई।इस दौरान डॉ. राजकुमार उपनिदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला, गोंडा द्वारा घटनास्थल से साक्ष्य संकलन, बलात्कार मामलों में डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया, डिजिटल एविडेंस (इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों) के संकलन एवं उनकी प्रमाणिकता सुनिश्चित करने संबंधी कार्यवाही पर गहन जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया, उसकी आवश्यकताओं और सटीकता सुनिश्चित करने के वैज्ञानिक उपायों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिक सहायक डॉ. राकेश सिंह एवं वैज्ञानिक अधिकारी श्री वीरेंद्र यादव द्वारा भी साक्ष्य संकलन की आधुनिक तकनीकों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई, जिससे विवेचक अधिकारियों को जटिल मामलों की जांच में सहायता प्राप्त हो सके।प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी श्री अजय कुमार द्विवेदी ने हैंगिंग (फांसी) के मामलों की जांच प्रक्रिया, उनके कारणों और वैज्ञानिक परीक्षण विधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और अधिकारियों को इस विषय पर आवश्यक दिशानिर्देश दिए।इस प्रशिक्षण सत्र में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) के विशेषज्ञों द्वारा जनपद के अपर पुलिस अधीक्षक श्री प्रवीण कुमार यादव, पुलिस उपाधीक्षकगण, निरीक्षकगण एवं विवेचक अधिकारियों को क्राइम सीन मैनेजमेंट, फील्ड यूनिट के निरीक्षण, साक्ष्य संकलन की नवीनतम तकनीकों, डिजिटल फॉरेंसिक, अपराध अनुसंधान की वैज्ञानिक विधियों तथा भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम में किए गए प्रमुख परिवर्तनों पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह प्रशिक्षण सत्र पुलिस कर्मियों की कार्यकुशलता एवं विवेचना की गुणवत्ता में सुधार हेतु एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे अपराध अनुसंधान को अधिक वैज्ञानिक, सटीक एवं पारदर्शी बनाया जा सकेगा। इस प्रशिक्षण से पुलिस अधिकारियों को न केवल नए कानूनों की गहरी समझ प्राप्त हुई, बल्कि उन्हें व्यावहारिक रूप से क्राइम सीन मैनेजमेंट और साक्ष्य संकलन की नवीनतम तकनीकों में भी दक्षता प्राप्त हुई।