कानपुर: हाथ में कलावा और माथे पर तिलक देख आतिफ और फैसल ने रमेश बाबू को गोलियों से दिया था भून, 5 साल बाद परिवार को मिला इंसाफ

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कानपुर के बहुचर्चित रमेश बाबू हत्याकांड (Kanpur Ramesh Babu murder case) में कोर्ट का फैसला आ गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के विशेष न्यायाधीश ने  कानपुर के शिक्षक रमेश बाबू की हत्या में आरोपी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को धारा 302, 120B,  धारा 16, 18 UAPA तथा धारा 3, 25, 27 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है. जांच में दोनों आरोपी दोषी पाए गए हैं. हत्या के बाद से ही एनआईए जांच कर रही थी, अब जाकर 5 साल बाद पीड़ित परिजनों को न्याय मिला है.

क्या है पूरा मामला ?

‘जी न्यूज’ की खबर के मुताबिक कानपुर निवासी दोनों अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य थे. दोनों अभियुक्तों ने 24.10.2016 को थाना चकेरी, कानपुर नगर में रमेश बाबू शुक्ला की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी थी.

बता दें कि रमेश बाबू गैर मुस्लिम था और उसके हाथ में कलावा और माथे पर तिलक लगा हुआ था इसलिए ही आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल ने रमेश बाबू पर ताबड़तोड़ गोलिया बरसा कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी. सजा के बिंदु पर सुनवाई हेतु माननीय न्यायालय द्वारा 11 सितंबर की तारीख तय की गई है.


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