UPSC Success Story: भेड़-बकरी चराने वाले वीरप्पा ने UPSC में पाई 551वीं रैंक | सफलता की प्रेरक कहानी

महाराष्ट्र के सोलापुर का एक गरीब भेड़-बकरी चराने वाले परिवार के वीरप्पा की यूपीएससी में 551वीं रैंक, वीरप्पा ने 551वीं रैंक प्राप्त कर न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं जो विपरीत परिस्थितियों में भी सपने देखने का साहस करते हैं।

एक समय ऐसा भी आया जब अपने खोए हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट लिखाने गया तो पुलिसकर्मियों ने उसे थाने से लौटा दिया

खूब मेहनत की और तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की, अब वही पुलिसकर्मी उसके घर मिठाई के डिब्बे लेकर आयेंगे।चरवाहे परिवार से निकला अफसर बनने का सपना:

बिरदेव डोणे का बचपन भेड़-बकरी चराते हुए बीता। गरीबी और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। इंडिया पोस्ट में नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने पूरी तरह से UPSC परीक्षा की तैयारी में खुद को झोंक दिया।

पहले दो प्रयास रहे असफल, तीसरे में पाई सफलता:

UPSC की कठिन परीक्षा में पहले दो प्रयासों में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। तीसरे प्रयास में उन्होंने देशभर में 551वीं रैंक हासिल कर दिखा दिया कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।

कोचिंग नहीं, खुद से की तैयारी:

बिना किसी कोचिंग संस्थान की मदद लिए बिरदेव ने अपनी खुद की मेहनत और सेल्फ-स्टडी के दम पर यह मुकाम पाया। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

IPS बनने का सपना:

बिरदेव ने UPSC में IPS सेवा को अपनी पहली पसंद के रूप में चुना है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी रैंक के अनुसार उन्हें पुलिस सेवा में स्थान मिलेगा।

खुशी की लहर:

22 अप्रैल को परीक्षा परिणाम घोषित होते ही बिरदेव और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। अगले ही दिन, 23 अप्रैल को, उनके परिवार ने उसी चरागाह पर खुशी मनाई, जहां से उनकी संघर्ष की कहानी शुरू हुई थी।