महराजगंज: शौचालय निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा, पूर्व प्रधान व दो सचिवों पर FIR का आदेश, होंगे निलंबित

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महराजगंज जनपद में शौचालय निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आने के बाद जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जांच में पुष्टि होने के बाद पूर्व ग्राम प्रधान और दो तत्कालीन सचिवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सचिवों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है।

218 शौचालयों का बिना निर्माण ही भुगतान

यह मामला ग्राम पंचायत मदरहा ककटही से जुड़ा है। जिलाधिकारी को वित्तीय वर्ष 2015-20 के बीच शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर शौचालयों के सत्यापन का निर्देश दिया।

जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कुल 219 शौचालयों में से 218 शौचालय मौके पर निर्मित ही नहीं थे, जबकि उनका भुगतान किया जा चुका था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि पूर्व ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिवों की मिलीभगत से कुल 26,16,000/- रुपये की धनराशि का दुरुपयोग किया गया था।

पूर्व प्रधान और दो सचिवों पर FIR के निर्देश

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिला पंचायत अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आज, जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के निर्देश पर जिला पंचायत राज अधिकारी सुश्री श्रेया मिश्रा ने पूर्व ग्राम प्रधान नजरे आलम और तत्कालीन सचिव मिलिंद चौधरी व संतोष कुमार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने हेतु सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) लक्ष्मीपुर को आदेशित किया है।

भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि शासकीय कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कहीं भी भ्रष्टाचार में किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही, दोषी तत्कालीन सचिवों को निलंबित करने की कार्यवाही भी की जा रही है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।