05 दिवसीय कृषि सखी/सीआरपी का केवीके बहराइच एवं नानपारा पर प्रशिक्षण सम्पन्न

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चयनित किसानों को सिखायेंगी प्राकृतिक खेती करने के तरीके

जिले के किसानों की बढ़ेगी आय

संतोष मिश्रा
बहराइच। उप निदेशक कृषि विनय कुमार वर्मा ने बताया कि शासन एवं जिलाधिकारी महोदया के निर्देश के क्रम में जिले में गठित कराए गये 120 प्राकृतिक खेती क्लस्टरों में किसानों तक प्राकृतिक खेती के तरीके पहुंचाने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच एवं कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा पर 05 दिक्सीय कृषि सखियों/सीआरपी का प्रशिक्षण का समापन उप निदेशक कृषि श्री विनय कुमार वर्मा ने किया। इस अवसर पर उनके द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कृषि सखियों/सीआरपी को बताया गया कि प्राकृतिक खेती करने से मृदा में जीवांश कार्बन लगातार बढ़ता है ,जिससे मृदा सुदृढ तथा उपजाऊ होती है जो खेती हेतु बहुत उपयोगी है। श्री वर्मा ने बताया कि प्राकृतिक खेती करने के 07 सूत्र बताये गये है. जिसमें न्यूनतम जुताई, आच्छादन ,सूक्ष्म सिंचाई, फसल सुरक्षा, सहफसली खेती सायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग न कर प्राकृतिक खेती की जाये। उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कैसरगंज श्री शिशिर कुमार वर्मा ने कृषि सखियों की भूमिका, प्रशिक्षण प्रदर्शन योजना के क्रियान्वयन में सहयोग आदि विषयों पर जानकारी दी।
इसी कड़ी में चयनित क्लस्टरों में कृषकों को प्रशिक्षित करने, उन्हें प्राकृतिक खेती से जागरुक करने तथा रसायन मुक्त खेती सुनिश्चित करने के दृष्टिगत ही जनपद में चयनित 120 प्राकृतिक खेती क्लस्टर की 240 कृषि सखियों/सीआरपी को कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक/अध्यक्ष डॉ0 सीपीएन गौतम डॉ0 नन्दन सिंह,डॉ0अरुण कुमार राजभर ,डॉ0 शैलेन्द्र सिंह ,डॉ0 शैलजा एवं डा00प्रियंका सिंह ने प्रशिक्षित किया। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा के वरिष्ठ वैज्ञानिक/अध्यक्ष डा० संदीप कनौजिया, डा० पी०के० सिंह ० , डा० सुनील कुमार ,डॉ उमेश कुमार ,डॉ संदीप गौतम द्वारा चयनित कृषि सखी एवं सीधारथी को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। उप निदेशक कृषि ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक साथ नन्दन सिंह फार्मर मास्टर ट्रेनर के रूप में श्री मुन्ना लाल चमई श्री सुरेन्द्र गिरि एवं वी निरंजन लाल वर्मा जिनके द्वारा केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी में नेयुस्ल फार्मिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर आये है। उनके द्वारा भी उपस्थित कृषि सखियों/सीआरपी को नेचुरल फार्मिंग की जानकारी दी तथा प्रक्षेत्र भ्रमण कराकर देशी गाय के गोबर व गौमूत्र से बीजामृत जीवामृत घनजीवामृत नीमास्त्र आदि बनाकर कृषि सखियों/सीआरपी को प्रशिक्षित किया। उप निदेशक कृषि विनय कुमार वर्मा ने बताया कि यही कृषि सखियां/सीआरपी जिले में गठित प्राकृतिक खेती क्लस्टरों में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की बैठक आयोजित कराकर उन्हें रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती करने की विधा सिखा रहे है। जैसा कि प्राकृतिक खेती से स्पष्ट है कि खेतों में रासायनिक उर्वरको तथा कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होता है। बल्कि प्रकृति में आसानी से उपलब्ध होने वाले प्राकृतिक तत्वों तथा जीवाणुओं तथा गौमूत्र तथा गाय के गोबर से जीवामृत ,घनजीवामृत ,बीजामृत ,हरी खाद का प्रयोग कर ,बीजोत्पादन किया जाता है। इस विधि से तैयार खाद्यान्न रसायन मुक्त तथा स्वास्थ्य के लिये अति लाभकारी होता है। उपनिदेशक ने बताया कि इन कृषि सखियों का एक बात प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा और बहराइच पर आयोजित कराया जा चुका है तथा इन्हें और पारंगत बनाने की दृष्टिगत दिनांक 22 जुलाई से 26 जुलाई तक प्रशिक्षण दिलाया गया है । इनमें वह कृषि सखी तथा सीआरपी हैं जिनके द्वारा अभी एक बार प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है ।उप निदेशक कृषि श्री विनय कुमार वर्मा द्वारा केवीके नानपारा एवं केवीके बहराइच पर कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर नंदन सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ,डॉक्टर अरुण कुमार राजभर, कृषक विज्ञान केंद्र नानपारा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर संदीप कनौजिया, डॉव पीके सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ उमेश कुमार, डॉ संदीप गौतम के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कृषि सखियों / सीआरपी को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र ,बैग, गौ -आधारित प्राकृतिक खेती,पम्पलेट, आइडेंटी कार्ड, डायरी तथा कृषि एवं पशुपालन पत्रिका का वितरण किया गया।इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक श्री लालता प्रसाद गुप्ता , रामसेवक वर्मा, श्री दिनेश कुमार मौर्य द्वारा प्राकृतिक खेती के तरीके बताएं। श्री सुधाकर शुक्ला , पंकज कुमार,कुलदीप वर्मा श्रीमती प्रिया सिंह वरिष्ठ प्राविधिक सहायक कृषि विभाग,श्री बालचंद , प्रदीप कुमार, सहित क्लस्टर की 240 कृषि सखियां एवं सीआरपी उपस्थिति रहे। कृषि विज्ञान केंद्र के प्राकृतिक खेती से प्रशिक्षित वैज्ञानिक डॉक्टर नंदन सिंह ने बताया कि जिन कृषि सखियों/,सीआरपी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ,उनमें से कई प्रतिभागी अपने-अपने अनुभव भी लोगों के मध्य साझा कर रहे हैं जिससे उनके प्राकृतिक खेती करने के ज्ञान में और वृद्धि हुई है।

संतोष मिश्रा
स्टेट हेड यूपी