बलरामपुर पुलिस की बड़ी सफलता अस्पताल में महिला से दुष्कर्म मामले के आरोपी को 48 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार

41

बलरामपुर जनपद के पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए थाना पचपेड़वा क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती महिला मरीज के साथ दुष्कर्म करने वाले अस्पताल कर्मचारी योगेश पाण्डेय को घटना के 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।






घटना का संक्षिप्त विवरण

जानकारी के अनुसार बताते चले यह घटना 25 जुलाई को तब सामने आई जब थाना पचपेड़वा क्षेत्र की एक पीड़िता ने पुलिस को लिखित तहरीर दी। पीड़िता के अनुसार, वह अपनी खराब तबियत के चलते विमला विक्रम अस्पताल, पचपेड़वा में इलाज के लिए भर्ती थी। 25 जुलाई की रात करीब 4 बजे, अस्पताल के कर्मचारी योगेश पाण्डेय (पुत्र नरसिंह पाण्डेय, निवासी मध्यनगर भैंसहवा, थाना पचपेड़वा, बलरामपुर) ने उसे एक इंजेक्शन लगाया, जिससे वह कुछ देर के लिए बेहोश हो गई। इसी दौरान योगेश पाण्डेय ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि होश में आने पर उसने तत्काल अपने परिजनों और अस्पताल स्टाफ को घटना की जानकारी दी थी।

पीड़िता की तहरीर के आधार पर, थाना पचपेड़वा में मुकदमा अपराध संख्या 146/25, धारा 64(2)e और 123 बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के तहत तत्काल अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी गई।

पुलिस की जल्द कार्रवाई और गिरफ्तारी

घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर विकास कुमार ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय और क्षेत्राधिकारी नगर बृजनन्दन राय के कुशल पर्यवेक्षण में, प्रभारी निरीक्षक ओम प्रकाश चौहान के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया।

गठित टीम ने मुखबिर खास की सूचना पर जल्द कार्रवाई करते हुए, दिनांक 27 जुलाई को अभियुक्त योगेश पाण्डेय को भाथर पुल के पूर्वी छोर के पास से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद, आवश्यक वैधानिक कार्यवाही पूरी करते हुए अभियुक्त को माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

अभियुक्त का चौंकाने वाला कबूलनामा

पुलिस पूछताछ में अभियुक्त योगेश पाण्डेय ने घटना स्वीकार कर ली है। उसने बताया कि वह विमला विक्रम अस्पताल, पचपेड़वा में नर्सिंग स्टाफ के पद पर कार्यरत है और उसकी ड्यूटी नाइट शिफ्ट में इमरजेंसी वार्ड में थी। उसने बताया कि रात करीब 1 बजे, उसने अन्य मरीज और उनके परिजनों को इमरजेंसी वार्ड से बाहर कर दिया था और उसके साथ ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स आराम करने के लिए जनरल वार्ड में चली गई थी।

योगेश पाण्डेय ने बताया कि उसी दौरान उसकी नज़र बेड नंबर 02 पर भर्ती महिला मरीज पर पड़ी और उसकी नियत खराब हो गई। उसने महिला को एक इंजेक्शन लगाया जिससे वह बेहोश हो गई और फिर उसने उसके साथ दुष्कर्म करना शुरू कर दिया। इसी दौरान महिला होश में आ गई और उसने विरोध किया, जिससे वह डर गया और अस्पताल से भाग गया।

पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक गंभीर अपराध में शामिल आरोपी को जल्द से जल्द कानून के कटघरे में खड़ा कर दिया है, जिससे पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद बंधी है।