Lalbaugcha Raja First Look: Ganpati Bappa Morya! First look of Lalbagh Ke Raja 2023, see pictures in one click

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Lalbaugcha Raja Darshan: गणेशोत्सव बस कुछ ही दिन दूर है। मुंबई में कई मंडलों के आगमन समारोह के बाद पहली बार गणपति बप्पा के दर्शन हुए हैं। आज शुक्रवार 19 सितंबर को मुंबई के प्रसिद्ध लाल बाग के राजा के प्रथम दर्शन हो गए। देखिए लालबाग के राजा की पहली झलक…





लालबाग के राजा की पहली झलक

मुंबई में कई मंडलों के आगमन समारोह के बाद पहली बार गणपति बप्पा के दर्शन हुए हैं। आज 19 सितंबर को मुंबई के प्रसिद्ध लाल बाग के राजा के प्रथम दर्शन हो गए। देखिए लालबाग के राजा की पहली झलक…












लालबाग के राजा 2023 प्रथम दर्शन

मुंबई में लालबाग के राजा को प्रतिज्ञा लेने वाले गणपति के नाम से जाना जाता है। इसी वजह से लालबाग के राजा के दर्शन के लिए मुंबई और मुंबई के बाहर से भी लोग आते हैं। राजा की एक झलक पाने के लिए हर साल लाखों लोग लाइन में लगते हैं। अब इस साल के राजा की पहली झलक आज भक्तों को मिल गई।




​लालबाग के राजा का महत्व​

लालबाग के राजा मंडल की स्थापना 1934 में इसके वर्तमान स्थान (लालबाग, पराल) में की गई थी। बोर्ड की स्थापना उस समय की गई थी जब स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था। लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए “सार्वजनिक गणेशोत्सव” को चर्चा का माध्यम बनाया।




सबकी मन्नतें पूरी करते हैं बप्पा

यहां धार्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई। मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान सबकी निगाहें मशहूर ‘लालबाग के राजा’ पर होती हैं। लालबाग के राजा को ‘नवासा के गणेश’ के नाम से भी जाना जाता है। लालबाग में स्थापित गणेश प्रतिमा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और ये भक्त घंटों कतार में खड़े रहते हैं।

लालबाग के राजा का यह 90वां साल

इस साल लालबाग के राजा का 90वां साल है और सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की ओर से बुधवार 7 जून 2023 को सुबह 6 बजे लालबाग के राजा का पद्य पूजन यानी गणेश मुहूर्त पूजन किया गया। साथ ही मंगलवार 4 जुलाई 2023 को ठीक 11 बजे मंडप पूजन संपन्न हुआ।




गणेश जी आये हैं…

हर साल बप्पा की ऊंचाई 20 फीट होती है। इस गणपति की मूर्ति को बनाने की शुरुआत गणपति बप्पा के चरणों से होती है। इस दिन पद पूजन समारोह का भी आयोजन किया जाता है। लाल बाग के राजा की विसर्जन यात्रा बड़े शाही ठाठ-बाट से निकाली जाती है। लाल बाग से भगवान गणेश का विसर्जन जुलूस दूसरे दिन भोर में गिरगांव चौपाटी पहुंचता है। आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए साकड़ा धारण करते हैं और इच्छानुसार दान करते हैं।