श्रावस्ती: डीएम ने दो गौशालाओं का किया औचक निरीक्षण:हरा चारा न मिलने पर जताई नाराजगी, बोलीं- चिह्नित भूमि पर उगाई जाए नैपियर घास

203

श्रावस्ती में डीएम कृतिका शर्मा ने इन दिनों शिक्षा व्यवस्था को और अधिक बेहतर करने को लेकर लगातार परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण कर रहीं हैं। वहीं गौशालाओं में भी सभी व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर करने के लिए लगातार गौशालाओं का औचक निरीक्षण कर जायजा ले रही हैं।

इसके साथ ही संबंधित को गोवंशों की देखरेख में किसी भी प्रकार की कोई कमी न होने देने को लेकर निर्देशित कर रही हैं। बताते चलें कि डीएम बरगदहा और सोनपुर कला गौशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंच गईं, जहां पर उन्होंने गौशाला में व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया। वहीं निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने चन्नी, भूसा, पानी, प्रकाश तथा जल निकासी आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों से टीकाकरण और ईयर टैगिंग के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। वहीं गौशाला में हरा चारा न मिलने पर डीएम नाराज हुईं। उन्होंने संबंधित को चिह्नित भूमि पर नेपियर घास उगाने के लिए निर्देशित किया। बरगदहा गौशाला में कुल 139 गोवंश संरक्षित हैं। वहीं सोनपुर कला गौशाला में 100 गोवंश सरंक्षित हैं। डीएम कृतिका शर्मा ने गौशाला में पशुओं के लिए हरा चारा न पाये जाने पर नाराजगी जताई।

श्रावस्ती में डीएम ने गौशाला का औचक निरीक्षण किया।
श्रावस्ती में डीएम ने गौशाला का औचक निरीक्षण किया।

छाया की होनी चाहिए व्यवस्था
वहीं, सम्बन्धित को निर्देशित किया कि पशुओं के लिए चारा-पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्था भी रहनी चाहिए। वहीं चिन्हित भूमि पर नैपियर घास उगायी जाए। ताकि पशुओं को हरा चारा मिलता रहे यदि किसी भी क्षेत्र में कोई भी गोवंश के अस्वस्थ्य होने की सूचना मिलती है तो सम्बन्धित क्षेत्र के पशु चिकित्साधिकारी उनका इलाज भी करें।और गोवंश के स्वस्थ्य होने के बाद उसकी रिपोर्ट उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी प्रस्तुत करेंगे।

लगातार की जाए मानीटरिंग
वही डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गो-आश्रय स्थल में संरक्षित पशुओं का चिकित्सक द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच भी की जाए, ताकि पशु बीमार न होने पाएं। गो-आश्रय स्थल में संरक्षित समस्त गोवंशों का नियमित निरीक्षण एवं पंजिका पर अंकन कराना भी सुनिश्चित किया जाए। वहीं, जो भी पशु पालन हेतु इच्छुक व्यक्ति है, उन्हें पात्रता के आधार पर पशु भी दिये जाये और उनका नाम, मोबाईल नम्बर, पता इत्यादि दर्ज कराने के साथ-साथ उनकी मानिटरिंग की जाए।