Health Tips: क्या आप भी हैं मानसिक तनाव और डिप्रेशन का शिकार, तो ऐसे करें बचाव

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आज की भागदौड़ भरी लाइफ में लोग अक्सर मानसिक तनाव (Mental Stress) और डिप्रेशन (Depression) का शिकार हो जाते हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। अगर मानसिक तनाव की समस्या बढ़ जाए, तो यह जीवनभर आपके लिए दुखदायी बन सकती है। ऐसे में यदि समय रहते इसके लक्षणों और उपायों पर चर्चा कर ली जाए, तो आप स्वयं को मानसिक चिंताओं से मुक्त कर सकते हैं। इसलिए आज हम विभिन्न प्रकार के मानसिक तनावों के बारे में ही बात करेंगे, साथ ही आपको उससे निपटने के उपाय भी बताएंगे।

डिप्रेशन

आजकल लोगों में डिप्रेशन की समस्या बहुत आम होती जा रही है। डिप्रेशन मानसिक अवसाद की वह स्थिति है, जिसमें व्यक्ति किसी बात के घटित होने पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। और अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है। जिस व्यक्ति को भी डिप्रेशन होता है, वह छोटी से छोटी बात भी सहन नहीं कर पाता है। और इस वजह से वह हमेशा खुद को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है। डिप्रेशन व्यक्ति को कई बार रिश्ता टूटने, आर्थिक नुकसान होने या असफल होने पर हो जाता है।

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डिप्रेशन के लक्षण

मन में उदासी का होना
गुस्सा, चिड़चिड़ापन और नींद ना आना
किसी काम में मन ना लगना
खुद को अकेले कमरे में बंद करना
आत्महत्या का विचार आना

डिप्रेशन से बचाव

प़ॉजिटिव लोगों के साथ रहें
खुद को अकेला ना छोड़े
पौष्टिक आहार लें
अपनी तारीफ स्वयं करें
भरपूर नींद लें

स्ट्रेस

जब भी कोई व्यक्ति ऐसा कहता है कि उसे स्ट्रेस हो रहा है, तब असल में उसका मस्तिष्क नकारात्मक विचारों की ओर भागने लगता है। यानी कि अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से किसी बात की चिंता सता रही होती है। तब उसे ना केवल मानसिक तनाव बल्कि शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। स्ट्रेस की स्थिति में व्यक्ति को कई तरह की अन्य परेशानियां, जैसे सिर दर्द, बीपी, दिल में दर्द, शरीर में थकान और नींद का अभाव हो जाता है। ऐसी परिस्थिति से निकलना भी कई बार व्यक्ति के लिए काफी चुनौती भरा होता है।

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स्ट्रेस के लक्षण

सिर भारी रहना
कब्ज की समस्या होना
किसी काम में मन न लगना
चीजें भूल जाना
शरीर में थकान महसूस करना
स्ट्रेस से बचाव

तनाव के कारण को दूर करें

काम से ब्रेक लें
मेडिटेशन करें
प्रकृति के पास समय बिताएं
अपनी दिनचर्या को सुव्यवस्थित करें

एंजाइटी

मानसिक तनाव की तरह ही कई बार लोग एंजाइटी का भी शिकार हो जाते हैं। एंजाइटी महसूस होने पर रोगी को नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी एक बात को लेकर हमेशा चिंतित रहता है, तो उसके एंजाइटी पीड़ित होने की संभावना अधिक रहती है। इस तरह का मानसिक अवसाद होने पर व्यक्ति के दिल की धड़कनें स्वत ही बढ़ जाती हैं। वह डर और घबराहट के चलते खुद पर से नियंत्रण खो देता है। इसे पैनिक होना भी कह सकते हैं। हालांकि एंजाइटी और स्ट्रेस काफी मिलते जुलते हैं, लेकिन लंबे समय तक एंजाइटी से पीड़ित होने पर व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है।

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एंजाइटी के लक्षण

बेचैनी का बढ़ना
अधिक पसीना आना
किसी व्यक्ति या चीज के प्रति लगाव का बढ़ना
दिल की धड़कनों का तेज होना
नकारात्मक विचारों का आना

एंजाइटी से बचाव

पर्याप्त नींद लें
व्यायाम करें
साइकोथेरेपी का प्रयोग
सही समय पर पौष्टिक भोजन करें
अकेले ना रहें।

मेंटल ट्रामा

मानसिक चिंता का सबसे बड़ा और गंभीर प्रकार है मेंटल ट्रामा। जिसके होने पर व्यक्ति अपनी सुध-बुध खो बैठता है। मेंटल ट्रामा की समस्या अधिकतर उन लोगों के साथ देखने को मिलती है। जो लोग बचपन में किसी परेशानी का शिकार रहे हो, या उनके साथ कुछ गलत हुआ हो। कई बार जो बच्चे बचपन में यौन शोषण का शिकार रहे हों, या आपराधिक प्रवृत्ति के माहौल में रहते हैं। तो उनके साथ मेंटल ट्रामा होने की संभावना अधिक रहती है। मेंटल ट्रामा होने पर व्यक्ति को तुंरत ही इलाज के लिए डॉक्टर या मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए। ये रोग आपको जीवनभर परेशान कर सकता है।

मेंटल ट्रामा के लक्षण

डर और बेचैनी
मूड का बदलना
चिड़चिड़ापन, घबराहट, गुस्सा आना
अतीत की यादें
अकेलापन महसूस करना

मेंटल ट्रामा से बचाव

पर्याप्त नींद लेना
आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी
सामाजिक सक्रियता
मनोचिकित्सक की सलाह
खुद को अकेला ना छोड़े

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