कहा जाता है कि कोंकण में गणेश महोत्सव एक अलग ही उत्सव होता है। गणेशोत्सव और कोंकण एक अलग समीकरण हैं। अब गणेशोत्सव के दौरान कई चकरमणियां कोंकण आती-जाती हैं। गणेशोत्सव के दौरान कोंकण जाने के लिए चकर्मन्या लालपरी यानी एसटी (ST) बस को प्राथमिकता देते हैं। गणपति उत्सव के लिए पिछले 5 दिनों में मुंबई, ठाणे, पालघर और अन्य शहरों से ढाई लाख से अधिक चकरमणि एसटी अपने-अपने गृहनगर यानी कोंकण पहुंच गए हैं। (Ganeshotsav Nearly 2.5 lakh Mumbaikars transported to Konkan by ST)

एसटी कॉर्पोरेशन ने 5000 से अधिक बसों के माध्यम से इन यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 3 सितंबर से 8 सितंबर की अवधि के दौरान, एसटी प्रशासन ने कर्मचारियों की हड़ताल, यातायात की भीड़ और परिणामी देरी की कठिनाइयों पर काबू पाते हुए यातायात को सुचारू रूप से प्रबंधित किया। उचित नियोजन के आधार पर पिछले कई वर्षों के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस वर्ष 5000 बसों द्वारा ढाई लाख से अधिक यात्रियों को सुरक्षित परिवहन किया गया है।

राज्य भर के विभिन्न आगारों से 10,000 से अधिक चालक-वाहक, यांत्रिक कर्मचारी, पर्यवेक्षक और उनके मार्गदर्शक अधिकारी नियुक्त किए गए थे। उन्होंने विभिन्न कठिनाइयों का बहादुरी से सामना किया और छोटी-मोटी दुर्घटनाओं को छोड़कर इतने बड़े यातायात को सुरक्षित रूप से संचालित किया। इस पर निगम के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. माधव कुसेकर ने उन्हें बधाई दी है।

इस बीच, 12 सितंबर से 17 सितंबर के बीच वापसी परिवहन के लिए समूह आरक्षण और व्यक्तिगत आरक्षण को कोंकण के रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के डिपो से भी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। गणेश भक्तों की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए 3 से 8 सितंबर की अवधि के दौरान एसटी के यातायात को सुचारू करने के साथ ही बस स्टेशन और बस स्टैंड पर एसटी के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में कर्मचारी चौबीसों घंटे काम कर रहे थे।

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के जनसंपर्क अधिकारी अभिजीत भोसले ने बताया है कि खराब बसों के प्रतिस्थापन के रूप में चिपलुन, महाड और मनगांव डिपो में 100 बसें तैनात की गई थीं।

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