उन्हें पकड़ा जरूर, लेकिन मारा नहीं’: सरफराज-तालिब के ‘एनकाउंटर’ पर बोली रामगोपाल मिश्रा की विधवा, परिजन बोले- वे बिरयानी खाकर कुछ दिन में बाहर आ जाएँगे

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार (17 अक्टूबर 2024) को बहराइच में हुई एक मुठभेड़ के बाद तालिब और सरफराज को गिरफ्तार किया है। इस दौरान दोनों आरोपितों के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने रविवार (13 अक्टूबर) को हुए रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में अब तक कुल 5 आरोपितों को गिरफ्तार करके उन पर NSA के तहत कार्रवाई का ऐलान किया है। हालाँकि रामगोपाल के परिजन व ग्रामीण इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। मुठभेड़ के बाद ऑपइंडिया ने रामगोपाल के गाँव रेहुआ से जमीनी हालातों का जायजा लिया।

एक और FIR, लगेगा NSA
रामगोपल हत्याकांड के बाद पुलिस नामजद व अज्ञात आरोपितों की तलाश में लगातार दबिश दे रही थी। इस बीच पुलिस ने तालिब और सरफराज सहित 5 आरोपतितों को गिरफ्तार किया। तालिब और सरफराज को जब हथियार बरामदगी के लिए ले जाया गया तो उन्होंने पुलिस पर फायर किया। जवाबी कार्रवाई में दोनों आरोपितों के पैर में गोली लगी। वायरल हो रहे एक वीडियो में दोनों आरोपितों को कराहते हुए और पुलिस से माफ़ी माँगते देखा जा सकता है। घटना के एक वीडियो में घायल तालिब और सरफराज को पुलिस के कंधों में देखा जा सकता है।

ये दोनों बार-बार पुलिस से कह रहे, “दोबारा ऐसी गलती नहीं करेंगे।” पुलिस ने दोनों को सरकारी वाहन में बिठाया और अस्पताल ले गई। पुलिस ने खुद पर हुए हमले की अलग से FIR तालिब और सरफराज पर दर्ज की है। इस FIR में हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराएँ लगाई गईं हैं। इस मुठभेड़ के बहराइच की पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि कुल 5 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। इन सभी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी।

हाफ एनकाउंटर से संतुष्ट नहीं परिवार
तालिब और सरफराज से हुई मुठभेड़ व 5 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद रामगोपाल के परिवार ने पुलिस की कार्रवाई को असंतोषजनक बताया है। रामगोपाल की विधवा रोली मिश्रा ने गुरुवार (17 अक्टूबर 2024) को एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में रोली मिश्रा ने पुलिस पर रिश्वत लेने और अपनी माँगों की अनदेखी का आरोप लगाया है। वीडियो में रोली ने कहा, “उन्हें पकड़े तो जरूर हैं लेकिन मारा नहीं गया है। हम लोगों को दिखा दिया गया है कि पैर पर गोली मारी गई है।”

ऐसा एनकाउंटर रामगोपाल के परिवार के लिए न्याय नहीं
एनकाउंटर के बाद ऑपइंडिया की टीम 17 अक्टूबर (गुरुवार) को रामगोपाल मिश्रा के गाँव रेहुआ पहुँची। गाँव में पुलिस की गाड़ियाँ लगातर हूटर बजा कर गश्त कर रहीं थीं। रामगोपाल मिश्रा के घर के चारों तरफ पुलिस और PAC के जवान तैनात कर दिए गए थे। किसी को भी घर के बाहर या अंदर आने-जाने की इजाजत नहीं थी। रामगोपाल के भाई हरिमिलन और परिजन राहुल मिश्रा ने हमें फोन पर बताया कि पुलिस के पहरे में वो भी कहीं निकल नहीं पा रहे हैं। मीडियाकर्मियों को भी पीड़ितों से बातचीत की अनुमति नहीं दी गई।

हमने रामगोपाल के घर के आसपास अन्य ग्रामीणों से बातचीत की। सड़क पर मौजूद कुछ ग्रामीणों ने हमें बताया कि वो आरोपितों को जीवित पकड़ने से खुश नहीं हैं। रामगोपाल के ही चचेरे भाई किशन मिश्रा ने कहा कि जिस हिसाब से उनके भाई को मारा गया उसके आगे ऐसे पैर में गोली वाली एनकाउंटर और गिरफ्तारियाँ न्याय नहीं माना जा सकता है। किशन मिश्रा ने आगे कहा, “ऐसा पहले होता था। बाबा की सरकार में ऐसा नहीं होता।” किशन मिश्रा का मानना है कि अब सरफराज और उसका परिवार आराम से जेल काटेगा और कुछ दिनों बाद बिरयानी खाकर छूट जाएगा।

घरों और बाजारों में टीवी से चिपके रहे लोग
दोपहर 3 बजे के आसपास अचानक ही महसी व आसपास यह खबर फैली थी कि रामगोपाल मिश्रा के कातिलों का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है। इस खबर के बाद पूरे बहराइच में लोग टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ देखने लगे। हमने महसी, हरदी और नथुरपुरवा आदि इलाकों सहित बहराइच शहर में भी देखा कि लोग घरों और दुकानों में टीवी पर एक-एक पल की खबर देख रहे थे। शुरू में लोगों को लगा कि सरफराज की मौत हो गई है, हालाँकि बाद में यह बात गलत निकली। फ़िलहाल एनकाउंटर को लेकर जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।

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