महाराष्ट्र: खुलेआम लहरा रहे चाँद सितारा वाले झंडे..वर्धा के हींगनघाट में रोड से लेकर सेना की जमीन पर बस गए रोहिंग्या घुसपैठिए…

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वर्धा में डिफ़ेंस की प्रॉपर्टी पर अवैध रूप से बसे 1500 से अधिक घुसपैठिए‌।

पूरा देश अवैध घुसपैठियों के आतंक और इनकी बढ़ती संख्या से जूझ रहा है। पिछले कुछ दशकों से अलग-अलग राज्यों में लाखों की संख्या में घुसपैठिए पड़ोसी मुल्कों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार से आकर बस गए हैं। अब यह लोग हमारे संसाधनों पर कब्जा जमाने के लिए गैरकानूनी तरीके से देश में घुसकर यहां के नागरिक बन गए हैं। नागरिक बनने के साथ ही यह तमाम संसाधनों पर कब्जा और सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं, जिन पर पहला और अंतिम हक हम भारतीयों का है।

बता दें कि महाराष्ट्र में घुसपैठियों की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है। ये ना केवल गैर-कानूनी तरीके से यहां रहते हैं बल्कि विभिन्न प्रकार के अपराधों में भी इनकी संलिप्तता बड़ी संख्या में पायी जाती है।

घुसखोर मुक्त महाराष्ट्र अभियान के दौरान हुआ खुलासा

जैसा कि मालूम है कि सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी इन दिनों महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। श्री सुरेश चव्हाण‌‌‌के जी के द्वारा महाराष्ट्र को घूसखोर मुक्त करने के लिए शिव प्रेरणा यात्रा हो रही हैं। इसी दौरान शुक्रवार को वे वर्धा जिले में जन सम्पर्क कर रहे हैं। तभी सुदर्शन न्यूज़ की टीम को वर्धा के हींगनघाट में रोहिंग्या घुसपैठियों की अवैध बस्ती का पता चला। सुदर्शन न्यूज़ के संवाददाताओं ने बस्तियों में घुसकर वहां रह रहे लोगों से बात की इसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है।

रोड किनारे अवैध घुसपैठियों की बसावट

बता दे कि, हींगनघाट में सड़क किनारे एक से दो किलोमीटर तक घुसपैठियों ने कच्चे और पक्के मकान बना रखे हैं। यहां रह-रहकर अधिकतर लोगों ने हमारे संवाददाताओं से बात करने से मना कर दिया। मगर कोशिश करने पर 1-2 लोगों ने बात की और बताया कि वे लोग बड़ी संख्या में यहां पर करीब 20 साल पहले से रह रहे हैं। यहां लगभग 40-50 घर है जिसमें पूरा परिवार रहता है। उनके पास आधार कार्ड से लेकर कई हर दस्तावेज है जिनसे वे सरकारी योजनाओं और कई सुविधाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। सड़क किनारे बसी इस बस्ती में रोजमर्रा की तमाम जरुरी चीज़ें इन्हें मुहय्या हो जाती है।

कई बार पूछने का उन्होंने बताया कि, इस जगह से हटने के लिए उन्हें कोई नहीं कहता है, अगर कोई कोशिश भी करता है तो स्थानीय नेता जिन्हें वे वोट देते हैं उनके द्वारा स्थिति संभाल ली जाती हैं। साथ ही उन्होंने माना कि उन लोगों का यहां रहना गैरकानूनी है। कई घरों पर चांद सितारा वाला हरा झंडा भी खुलेआम लहराया जा रहा है।

आर्मी प्रॉपर्टी पर बसा पूरा अवैध गांव

जितनी एक गांव की जनसंख्या होती है लगभग उतनी आबादी (1500) हींगनघाट में स्थित सेना की जमीन, जहां आर्मी के जवान अभ्यास करते हैं, ऐसे विशाल ग्राउंड पर झोपड़ियां बना कर रह रहा है। ना इन लोगों पर कार्रवाई हो रही है और ना ही कोई अन्य मीडिया इस बात का खुलासा करता है। बता दें कि, इस ग्राउंड की भीतरी चहारदीवारी के किनारे बड़ी संख्या में अवैध घुसपैठिए घर बना कर रह रहे हैं। इन्हें भी सुनियोजित तरीके से डिफेंस प्रॉपर्टी पर या अन्य कहीं स्थायी रूप से बसाने की तैयारी हो रही है।

यह तो जांच का विषय है कि कौन इन अवैध लोगों को महाराष्ट्र सहित देश के अन्य हिस्सों में पहुंचाने के साथ ही नागरिक बनने का काम कर रहा है। केवल वोट बैंक के खातिर जिहादी लोगों को हमारे भूमि पर कब्जा करवाने और देश व हिंदुओं की सुरक्षा को ख़तरे में डालने नहीं दे सकते हैं। सुदर्शन न्यूज़ कि मुहीम इस कठोर सच को सबके सामने लाने के साथ ही इसके रोकथाम के लिए लगातार प्रयास करना है।

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