किसानों को अब मिलेगा Aadhar Card जैसा Kisan ID, जानिए पुरी जानकारी नहीं तो नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

कृषि मंत्रालय के साथ 19 राज्यों ने किया समझौता किसानों की जानकारी को राज्यों और केंद्र के विभागों के साथ साझा करने के लिए 19 राज्यों के साथ कृषि मंत्रालय ने समझौता किया है. इसमें किसानों के साथ पशुधन, मछली पालन, मिट्टी की सेहत, परिवार और योजनाओं के लाभ इन सभी जानकारी का समावेश होगा. उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे छह राज्यों के एक-एक जिले में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. साथ ही बिहार के छह जिलों में तो फार्मर आईडी बनाने का काम भी शुरू हो चुका है. केंद्र सरकार ने अगले तीन साल में 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का एक बडा लक्ष्य बनाया है. जिसमें 2024-25 में 6 करोड़, 2025-26 में 3 करोड़, और 2026-27 में 2 करोड़ पहचान पत्र बनाए जाएंगे.

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Kisan ID: किसानों के लिए अब आधार कार्ड की तरह फार्मर आईडी बनाई जा रही है. नए साल से कृषि की योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह आईडी आवश्यक होगी. पीएम-किसान सम्मान, फसल बीमा और अन्य योजनाओं का फायदा अब फार्मर आईडी के आधार पर ही किसान प्राप्त कर सकते है. यह पहचान पत्र केंद्र और राज्य सरकारें बना रही हैं, जिसमें किसानों की जमीन, जानवर, फसल और दूसरे विवरण का समावेश होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक बार फार्मर आईडी बन जाने के बाद किसानों को बार-बार केवाईसी नहीं करानी पड़ेगी.

डिजिटल कृषि मिशन
केंद्र सरकारने कृषि में हुए बड़े बदलाव के लिए डिजिटल कृषि मिशन की शुरूआत कि है. इसके लिए 2817 करोड़ रुपये खर्च होनेवाले है. कृषि मंत्रालय ने किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने और डिजिटल व्यवस्था बनाने के लिए एग्री स्टैक योजना को पेश किया है.

इस योजना की खास बात यह है कि किसानों के लिए पहचान पत्र बनाया जाएगा, जो आधार कार्ड से अलग होगा. इसे डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के रूप में तैयार किया गया है. इसमें किसानों की पूरी जानकारी का रिकॉर्ड, जमीन और बुआई की गई फसलों का डेटा‌ और खेती से जुड़े अन्य उपयोगी आंकड़ों का संग्रह इन तीन बातों का समावेश होगा.
कृषि मंत्रालय के साथ 19 राज्यों ने किया समझौता
किसानों की जानकारी को राज्यों और केंद्र के विभागों के साथ साझा करने के लिए 19 राज्यों के साथ कृषि मंत्रालय ने समझौता किया है. इसमें किसानों के साथ पशुधन, मछली पालन, मिट्टी की सेहत, परिवार और योजनाओं के लाभ इन सभी जानकारी का समावेश होगा.

उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे छह राज्यों के एक-एक जिले में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. साथ ही बिहार के छह जिलों में तो फार्मर आईडी बनाने का काम भी शुरू हो चुका है.

केंद्र सरकार ने अगले तीन साल में 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का एक बडा लक्ष्य बनाया है. जिसमें 2024-25 में 6 करोड़, 2025-26 में 3 करोड़, और 2026-27 में 2 करोड़ पहचान पत्र बनाए जाएंगे.
अभी तक 30 लाख फार्मर आईडी बन चुकी है. दो साल में पूरे देश में डिजिटल फसल सर्वे शुरू करना है. साल 2024-25 में 400 जिलों मे और इसके बाद 2025-26 में बाकी सभी जिलों को शामिल किया जाएगा.

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