विजय एकादशी के दिन भूलकर भी ना करे ये काम, हो सकता है व्रत खंडित

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नई दिल्ली: फाल्गुन माह में मनाई जाने वाली विजय एकादशी इस बार 24 फरवरी को हैं जहां हमें इस व्रत में कुछ नियमो का ध्यान रखने की जरुरत है आपको बता दे यह व्रत विष्णु भगवान को समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है की इस व्रत को करने से घर में सुख -समृ्द्धि का वास रहता है. व्रत में कुछ नियमो का पालन करने की बेहद जरुरत है. आइये जानेंगे क्या है वो नियम.

तुलसी के पौधे को न करें स्पर्श

भगवान विष्णु की पूजा बिना तुलसी के अधूरी मानी जाती है, पर हमें एकादशी व्रत में तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए और ना ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए क्योकि उस दिन तुलसी माता का भी एकादशी व्रत होता है. पर हां हम तुलसी के पास ही दीया जला सकते है.

चावल का सेवन ना करे

एकादशी व्रत में चावल का या इससे बनी कोई भी चीजों का सेवन भूल कर भी ना करे इससे आपका व्रत खडित हो सकता है.

इन चीजों से भी रहें दूर

इस व्रत में चावल के अलावा पालक, गोभी, मसूर दाल और उडद दाल को खाना वर्जित माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन लहसुन प्याज का सेवन नही करना चाहिए, जिससे हमारा व्रत असफल हो सकता है.

काले रंग का वस्त्र धारण न करे
विजय एकादशी में काले रंग के कपडे ना पहनें इसे अशुभ माना गया हैं भगवान विष्णु को पीले रंग बहुत प्रिय है. तो इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने.

शुभ मुहूर्त और पारण का समय
एकादशी प्रारम्भ तिथि- 23 फरवरी को 1 बजकर 55 मिनट से शुरु होगी।
एकादशी समाप्त तिथि-24 फरवरी को 1 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी।
विजय एकादशी व्रत का पारण-25 फरवरी की सुबह 7 बजकर 1 मिनट से 9 बजकर 21 मिनट तक।