एक पुलिस अधिकारी ऐसे भी..थाना प्रभारी विजय कुमार दुबे Vijay kumar Dubey जी.

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जहाँ जाते हैं वहाँ की काया पलट देते हैं, चाहे 1 महीने के लिए जिस थाने/कोतवाली में रहे हो या कई महीने, वहां को चमका देते है। साथ ही जनता के प्रति कुशल व्यवहार के लिए no 1 बने हुए हैं।


थाने का नाम लेते ही जेहन में पुलिस की वर्दी, अंग्रेजों के जमाने के बने थाने के भवन की जर्जर दीवारें और परिसर में बेतरतीब बिखरा बरामदगी के सामान का चित्र कौंधता है। लेकिन प्रदेश के एक इंस्पेक्टर हैं विजय कुमार दुबे वह जिस थाने पर पहुंचते हैं उस थाना क्षेत्र के अपराधियों की तो खबर लेते ही है थाना भवनों की सूरत भी बदल देते है।

वर्तमान में बस्ती जिले के रूधौली थाने में तैनाती है। रूधौली थाने की सूरत भी उन्होंने तैनाती के 3 दिन में ही बदल दी। हरा भरा थानाभवन परिसर आने वाले पीड़ितों को काफी हद तक सुकून देता है। इस्पेक्टर विजय कुमार दुबे अब तक विभिन्न जिलों में जन सहयोग से डेढ़ सौ थाने व चौकियों की सूरत संवार चुके हैं।

हमारे आस-पास ही ऐसे लोग हैं,जिनके संघर्ष की कहानी समाज में सार्थक बदलाव लाती है।जिनका जज्बा एक पीढ़ी के लिए उदाहरण बनता है। हौंसला कई लोगों को सहारा देती है। इसी सोच और जज्बे की मिसाल है बस्ती के रूधौली थाने में तैनात इंस्पेक्टर विजय कुमार दुबे।


यह कोई बड़े नायक तो नहीं, लेकिन इनके पक्के इरादे किसी भी नायक को पीछे छोड़ दें।इन्होंने अपनी सोंच बदली, तो इन्हें और पुलिस महकमे को देखने और समझने का लोगों का नजरिया भी बदला।

नई सोच, बुलंद हौसलों और मजबूत इरादों के दम पर पुलिस इंस्पेक्टर विजय कुमार दूबे ने सामाजिक बदलाव को ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। उन्होंने विभिन्न जनपदों में तैनाती के दौरान न सिर्फ अपराधियों को क्षेत्र छोड़ने या कारागार में पहुंचने पर मजबूर किया बल्कि अपने सकारात्मक सोच व जन सहयोग से थानों का कायाकल्प कराया।


स्वदेश से विशेष बातचीत में इंस्पेक्टर विजय दुबे ने बताया कि संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर में तैनाती के दौरान विभिन्न थाने और चौकियों की सूरत जन सहयोग से बदली गई है।