विशेष संवाददाता संत कुमार गोस्वामी एक्टर अभिनव गोस्वामी से एक्सक्लूसिव बातचीत

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1. फिल्मी करियर की शुरुवात कब से हुई ?

स्कूल की पढ़ाई के बाद मतलब बारहवी के बाद मैंने ड्रीमज़ डांस एकेडमी जिसके फाउंडर थे युवराज सिंह उसे ज्वाइन किया और साथ ही साथ मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया | उसके बाद फर्स्ट ईयर के बाद मैंने दिल्ली शंकर मार्किट कनाट पैलेस में बेला थिएटर ज्वाइन किया,जिसके डायरेक्टर थे मोहम्मद वसीम आज़ाद और यहाँ से मेरी फ़िल्मी करियर की शुरुआत हो गयीं |

2. अबतक कितने सीरियल और फिल्मों में अभिनय कर चुके है ?

अब तक कुछ आठ दस सीरियल में अभिनय कर चूका हूं, जैसे कलर्स टीवी शो फ़ना इश्क़ में मरजावा, यें हैं चाहतें, सोनी टीवी शो मेरे साईं, गणेशा एंड टीवी शो भीमराव अम्बेडकर | इसके अलावा तीन फ़िल्में की हैं -मुजाहिद, दबिश एंड ब्लेस यू , और एक साउथ की फ़िल्म साइन की हैं, जिसकी शूटिंग बहुत ही जल्द शुरू होने वाली हैं |

3.आप ने जो मुकाम अख्तियार किए मुंबई जैसे शहर में कैसा स्ट्रगल रहा ?

जब मैं मुंबई आया तब मुझें बिल्कुल भी आईडिया नहीं था ऑडिशन कहाँ होता हैं, कहाँ प्रोडक्शन हाउस हैं, तो शुरू के दो चार महीने तो सिर्फ यें सब मालूम करने में गया, फिर धीरे धीरे जाकर पता लगा |शुरू के दिनों मैंने एक दो दिन का वर्क किया फिर धीरे धीरे जाकर अच्छे काम मिलने शुरू हो गए।

4. हाल ही में फिल्म “आदि पुरुष “पर कई लोगो के द्वारा आलोचना की गई इसपर आप के क्या ख्यालात है ?

जब भी कोई धार्मिक फ़िल्म का अनाउंसमेंट होता हैं तों ऑडीयंस के दिमाग़ में सीधा यही आता हैं की हम अपने भगवान के बारे में और अच्छे से जानेगे ना की जितना हम अपने भगवान के बारे में जानते हैं वो सब झूठ हैं | तों जिन्होने भी इस फ़िल्म के बारे में बोला हैं मैं उनका समर्थन करता हूं, | अगर आप कुछ हमारे भगवान के बारे मे सच्चाई नहीं बता सकते तों कम से कम गलत या अपशब्द शब्दों का प्रयोग करके हमारे आने वाले युथ का पथ भरष्ठ करें |

5. विवादित फिल्में साजिश या कमाने का कही धंधा तो नही इस पर आप की क्या सोच है ?

यें तों सच हैं फ़िल्में बनाना एक बिज़नेस हैं, लेकिन आप गलत मैसेज देकर लोगो से बिज़नेस कर रहे हैं यें गलत हैं |आप इतने मत गिर जाये की पैसे कमाने के चक्कर में अपने संस्कार को ही भूल जाये | क्यूंकि विवाद करके पैसे कमाना आपको नुकसान भी कर सकता हैं, क्यूंकि आज के ज़माने में कोई घास नहीं खाता सब अनाज खाते हैं और सबको सही और गलत पता होता हैं |

7. आप के पसंदीदा फिल्म कौन सी है ?

मेरी पसंदीदा फ़िल्में की लिस्ट बहुत हैं,हर ज़ोन की फ़िल्में की लिस्ट हैं मेरे पास, लेकिन इतना सबका नाम लेना पॉसिबल नहीं हैं, मनोज कुमार से लेकर मनोज वाजपेयी, शाहरुख़ खान की फ़िल्में भी शामिल हैं…. राम और श्याम, रोटी, कपड़ा और मकान, क्रांति, चक दे इंडिया और भी बहुत सारी हैं ।

8 . आप थिएटर से जुड़े हैं इसका श्रेय किसे देंगे ?

इसका श्रेय मैं अपनी फैमली और मेरे थिएटर डायरेक्टर वसीम भाई को देना चाहुँगा, इसके साथ साथ ऑडीयंस को भी देना चाहुँगा जिसने मुझें असेप्ट किया और मुझें हर किरदार में देखना पंसद करती हैं।

*9 चलते चलते दर्शकों से क्या कहेंगे फिल्मी सफरनामा कैसा रहा ?

फ़िल्मी सफरनामा मेरी तों अभी शुरुआत हुई हैं आशा करता हूं बहुत ही जल्द एक मुकाम तक पहुँचूगा,

दिल्ली से जब मैं मुंबई आया तो मेरे लिए यहां कुछ अलग सा नहीं लगा, बिल्डिंग और मॉल्स को देखकर, क्योंकि वही दिल्ली जैसी ही थी, हां अलग लगा तो यहां की फास्ट लाइफ ट्रेन और समंदर

थिएटर से फिल्म का सफर बहुत ही रोचक और सीखने वाला रहा, किस तरह आपके सामने पहले दर्शक स्टेज के सामने होते थे आपके दर्शकों से लाइव संपर्क होता था और अब अपनी भावनाएं और इमोशन को कैमरे में परफॉर्म करके उन तक पहुंचाना और वही थिएटर वाला प्यार लोगो से मिलना बहुत ही मोटिवेशनल और प्यारा सफर रहा आप लोगो का ऐसा ही प्यार और आशीर्वाद बना रहे.