मनरेगा कार्यो में मशीन से काम करवाकर मजदूरों का हक छीना जा रहा हैं..ग्राम सभा हेवती

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महराजगंज। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा कुछ दबंगो और सत्ता से नजदीकी रखने वालों के लिए धनकुबेर का योजना बनकर रह गया हैं अधिकांश मनरेगा कार्यो को मशीनों(यंत्रो)द्वारा करवाकर कागजी खानापूर्ति करते हुए फर्जी मजदूरों की उपस्थिति दिखाकर पैसा निकाल लिया जा रहा हैं।विकास खण्ड सिसवा अंर्तगत हेवती में ऐसे ही एक मामला सामने आया हैं।ग्राम सभा हेवती में मनरेगा योजना के तहत लगभग 12लाख 12 हजार की लागत से झगरहवां पोखरा के उत्तर भीटा पर मिट्टी भराई का काम चल रहा हैं जिसमे शुक्रवार को मनरेगा मजदूरों की संख्या 103 की उपस्थिति दिखाई गई हैं।परंतु मीडिया टीम के पड़ताल में एक भी मजदूर कार्य स्थल पर नही मिले। मजदूरों के जगह पर स्वराज963FE ट्रैक्टर UP56AL/3431काम करते हुए मिला।स्थानीय लोगो द्वारा बताया गया कि इस जगह पर कुछ माह पूर्व ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाहर से मिट्टी लाकर गिराया गया था जिसे 3-4 दिन से ट्रैक्टर द्वारा ही बराबर किया जा रहा हैं।ऐसे में सवाल यह हैं की जब मशीनों से ही काम कराया जाएगा तो गरीबो के घर की शाम का चूल्हा कैसे जलेगा।इस संदर्भ में हमारे संवाददता ने ग्राम प्रधान ठाकुर से बात करने का प्रयास किया लेकिन संपर्क नही हो पाया।

आइये जानते हैं पूरा मामला क्या हैं।

ग्राम सभा हेवती में झगरहवां पोखरा के उत्तर तरफ भीटा पर मिट्टी भराई का काम चल रहा हैं जिसका वर्क कोड़ 3152005021/LD/9584186255824428930 हैं इस आई.डी.से 7614 से लेकर7624 अर्थात 11 मस्टरोल जारी किया गया हैं जिसमें शुक्रवार को 103 मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति दर्शायी गयी थी।लेकिन मीडिया टीम की पड़ताल में एक भी मजदूर मौके पर नही मिले।

मौके पर काम करते हुए ट्रैक्टर मिला

मीडिया टीम जब कार्य स्थल पर पहुँचा तो मजदूरो के जगह स्वराज 963FE UP56AL/3431 ट्रैक्टर मिट्टी बराबर करते हुए मिला।ऐसे में सवाल यह हैं कि 103 मजदूर कहाँ गए।मजदूरों के जगह पर ट्रैक्टर से क्यो काम करवाया जा रहा हैं।

क्या अधिकारियों की जानकारी में हो रहा हैं ऐसा काम..

सिसवा ब्लाक से मात्र लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर गरीबो के अधिकार को इस तरह से छीना जा रहा हैं यह सोचने वाली बात हैं जब मनरेगा का काम मशीनों से हो जाएगा तो सरकार इन गरीब मजदूरों को रोजगार कहाँ से देगा।जब रोजगार ही नही तो गरीबो के घर शाम को चूल्हा कैसे जलेगा।

विचारणीय बात

गरीब-मजरूम मजदूरों के साथ खिलवाड़ कर अपनी जेब भरने वालों को इतनी हिम्मत कहाँ से मिलती हैं।क्या संबंधित अधिकारियों को इस बात की जानकारी हैं।

ग्राम सभा हेवती की अजीबो गरीब कहानी हैं..

सूत्रों का माने तो यहां का वर्तमान प्रधान ठाकुर हैं लेकिन वह नाम-मात्र के हैं इस ग्राम सभा में जब कभी भी ग्राम प्रधान या रोजगार सहायक से बात की जाती हैं तो उनके मुंह से राजन पटेल का नाम आता हैं उनके द्वारा कहा जाता हैं कि आप कोई भी जानकारी उनसे ले लीजिए।हम कुछ भी नही बता पाएंगे।

कौन हैं राजन पटेल

राजन पटेल हेवती ग्राम सभा के पूर्व ग्राम प्रधान ओमप्रकाश पटेल के लड़के हैं।जो वर्तमान में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के रूप में काम करते हैं। जिनके पास प्रधानी का कई दशकों का अनुभव हैं।गांव के विकास के साथ-साथ अपना भी खूब विकास किये हैं।प्रधानी से अत्यधिक धन कैसे कमाया जाता हैं इनके पास भरपूर अनुभव हैं जिसका जीता जागता उदाहरण इस खबर में दर्शाया गया हैं (मजदूर के जगह ट्रैक्टर काम करते हुए पाये गए)सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि इनके खिलाफ कोई आवाज नही उठाता हैं अगर कोई उठाया भी तो उन्हें SC ST में पाबंद कराकर जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया जाता हैं।जिससे दोबारा आवाज उठा न सकें। ऐसा भी कहा जाता हैं कि राजन पटेल का जनपद में खादी कुर्ता-पैजामा से बहुत अच्छा पकड़ हैं जिसके कारण इनके फर्जी कामों में कोई टांग नही लड़ाता हैं।क्योंकि सबको अपने सम्मान का डर हैं।

ग्राम विकास अधिकारी ने क्या कहा

ग्राम विकास अधिकारी प्रेम सागर पटेल ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद काम को बंद करवा दिया गया हैं शनिवार को खण्ड विकास अधिकारी सिसवा ने संबंधित फाइल को लेकर प्रधान को तलब किया हैं।

मनरेगा DC ने क्या कहा..

मनरेगा DC ने कहा कि विभागीय काम से मैं जनपद से बाहर हूं कल आफिस पहुँचकर मामले को दिखवाता हूँ। अब देखना होगा कि क्या अधिकारियों का आश्वाशन केवल आश्वाशन ही रह जाता हैं कि जांच कराकर कोई कार्यवाही भी होता हैं।