उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है, और आंकड़े ये साफ दर्शा रहे हैं कि अब कानून का डर अपराधियों के मन में गहराने लगा है। बीते 10 दिनों में राज्यभर में 10 इनामी अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। इनमें ढाई लाख का इनामी विनीत भाटी और एक लाख के इनामी इफ्तेखार, इमरान, अरशद और नईम जैसे नाम शामिल हैं।
नो टॉलरेंस नीति पर हो रहा काम
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का “नो टॉलरेंस” फॉर्मूला जमीनी स्तर पर असर दिखा रहा है। उन्होंने साफ कहा है कि “जो कानून तोड़ेगा, वो गोली खाएगा।” यही वजह है कि अब अपराधी या तो मारे जा रहे हैं या खुद थाने जाकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं। बरेली एनकाउंटर के बाद सहारनपुर का एक आरोपी डर के मारे खुद थाने पहुंच गया।
[wtn_news_ticker] [wtn_news layout=’grid/list’]राज्य में पिछले आठ वर्षों में पुलिस ने 14,973 एनकाउंटर किए हैं, जिनमें 239 अपराधी मारे गए हैं। मेरठ जोन में सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई है। इस आंकड़े ने न सिर्फ राज्य में अपराध दर को कम किया है, बल्कि आम जनता को भी सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।
अपराधी है तो तय है कार्रवाई
पुलिस की सख्ती अब धर्म, जाति या किसी पहचान के आधार पर नहीं है। अपराधी है तो कार्रवाई तय है। कौशांबी, रॉबर्ट्सगंज, और औरैया जैसे जिलों में हालिया मुठभेड़ों ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेश की पुलिस पूरी ताकत से अपराध खत्म करने के मिशन पर है। अब उत्तर प्रदेश में अपराध करना यानी अपनी कब्र खुद खोदना — यही संदेश है योगी सरकार और पुलिस का।