UP : मंडप में दुल्हन ने शादी से किया इंकार, बोली स्वाभिमान से समझौता नहीं

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वाराणसी से मान-मर्यादा और सम्मान को लेकर हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी के मंडप में दुल्हन ने दूल्हे से रिश्ते तोड़ दिए। वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे!

संवादाता को मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी की रहने वाली ज्योति शर्मा की शादी धूमधाम से हो रही थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन माहौल तब बिगड़ गया, जब दूल्हे के दोस्तों ने दुल्हन की सहेलियों पर फब्तियां कसनी और गंदे कमेंट करना शुरू कर दिया!

दुल्हन ज्योति ने जब ये सब देखा, तो उसने अपने होने वाले पति से कहा कि वह अपने दोस्तों को रोके। लेकिन दूल्हा उन्हें रोकने के बजाय उल्टे दुल्हन पर ही हंसने लगा और मज़ाक उड़ाने लगा। ज्योति को उसके होने वाले पति का स्वभाव और बर्ताव अच्छा नहीं लगा, जिससे शादी के मंडप में ही रिश्ते तोड़ दी और कही,“जो व्यक्ति अपनी बीवी की इज़्जत नहीं कर सकता, वह कभी उसका अच्छा जीवनसाथी नहीं हो सकता‌।”
अब यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

कई लोग दुल्हन के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि “ज्योति ने सही किया इज़्जत पर समझौता नहीं होना चाहिए।”

सोशल मीडिया पर मुद्दे को लेकर लोगों की राय

सोशल मीडिया पर उक्त मामला सामने आते ही चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। लोग अपने-अपने विचार सोशल मीडिया पर व्यक्त कर रहें हैं।
सोशल मीडिया के X पर एक व्यक्ति अपने प्रतिक्रिया में कहतें है कि, “इज़्जत पर शादी और शादी में इज़्जत न हो तो उस रिश्ते का त्याग करना ही उचित होता है। ज्योति ने जो किया, वो साहस की मिसाल है, दूल्हे के हंसने से पहले उसके दोस्तों की ओछी हरकतें गिरी थीं, पर ज्योति के एक फैसले ने सबका स्तर दिखा दिया।”

एक और व्यक्ति ने अपने पोस्ट में लिखा कि,”ज्योति का यह कदम सच में साहसिक और प्रशंसनीय है। एक व्यक्ति को अपनी साथी का सम्मान करना चाहिए और अगर वह सम्मान नहीं दे सकता, तो वह जीवनसाथी बनने के लायक नहीं है। किसी भी रिश्ते में इज्जत और समझदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। ज्योति ने यह साबित किया कि आत्म-सम्मान किसी भी रिश्ते से पहले आता है।”

मामले पर अपने विचार रखते हुए एक व्यक्ति ने लिखा कि,”सलाम है ऐसी बेटी को। ज्योति ने जो कदम उठाया वो सिर्फ़ अपनी नहीं, बल्कि हर लड़की की इज़्जत की लड़ाई है।
शादी प्यार और सम्मान का रिश्ता है, मौज-मस्ती और अपमान का नहीं।

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इज़्जत पर समझौता करने वाले समाज को अब ऐसी बेटियों से सीख लेनी चाहिए। शादी जीवन-भर का बंधन है, लेकिन इज़्जत के बिना वो सिर्फ एक समझौता बन जाती है। आज हर लड़की को ये हक़ है कि वो खामोश न रहे, जवाब दे,और ज़रूरत पड़े तो रिश्ता तोड़ दे, पर खुद को मत तोड़े। सलाम है उस सोच को जो चुप नहीं बैठी, बल्कि खुद के लिए आवाज़ बन गई।

लोगों के अलग-अलग विचार सोशल मीडिया पर धूम मचा रखा है। अब सवाल यह है कि, शादियों में सम्मान से समझौता नहीं करना है तो उन परंपराओं का क्या होगा? जो उन शादियों में चार-चांद लगा देतें हैं। शादियों में सोहर एवं गाली गीत जैसे अन्य रस्मों पर इस मामले का प्रभाव कैसा पड़ेगा? यहां तक कि ‘रामायण’ में सीता और प्रभू श्रीराम के शादी में भी गाली गीत गाकर परंपराओं को गति दी गई थी। यदि बाराती पक्ष के लोग ऐसे सम्मान पर ध्यान केंद्रित करतें तो ये परंपराएं शायद वहीं थम जातीं। लोगों का कहना है कि,”शादी-विवाह में तो घराती और बाराती पक्ष के बीच अक्सर खींचतान होती रहती है, लेकिन इसे किसी व्यक्ति विशेष द्वारा आत्मसम्मान के तौर पर देखा जाए तो कहीं न कहीं भारतीय प्राचीन परंपराओं पर गहरा प्रभाव पड़ेगा और उन परंपराओं को गति मिलने के बजाय विराम लग सकती है। अक्सर हंसी-मजाक शादी का एक अभिन्न हिस्सा है, लेकिन उसे गंभीरता से लेने पर यह विवाद का जड़ बन जाता है। बाकी इस मामले को लेकर आपकी क्या राय है? कमेंट बॉक्स में जरुर सांझा करें।

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