श्रावस्ती। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया है कि राजस्व वादों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की प्राथमिकता है। इस सम्बन्ध में शासन द्वारा राजस्व वादों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली (RCCMS) पोर्टल पर मासान्तः सितम्बर, 2025 की रिपोर्ट की समीक्षा के उपरान्त मा० मुख्यमंत्री कार्यालय, उ०प्र० शासन द्वारा 09-10-2025 को विभिन्न धारावार टॉप-10 जनपदों की प्रदेशस्तरीय रैंक जारी की गयी है।उन्होंने बताया कि मा० मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रदेशस्तरीय जारी रैंक के अनुसार धारा-116 उ०प्र० राजस्व संहिता के वादों (निजी भूमियों के आपसी बंटवारे का वाद) में माहः सितम्बर, 2025 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को प्रथम स्थान एवं इसी धारा में निर्धारित समयसीमा के उपरान्त कम वाद लम्बित होने के कारण भी प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।धारा-80 उ०प्र० राजस्व संहिता के वादों (कृषक भूमि से अकृषक भूमि में परिवर्तन) में माहः सितम्बर, 2025 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को नवम् स्थान प्राप्त हुआ है।धारा-67 उ०प्र० राजस्व संहिता के वादों (सरकारी / ग्राम समाज भूमि से बेदखली) में माहः सितम्बर, 2025 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को नवम् स्थान एवं इसी धारा में निर्धारित समयसीमा के उपरान्त कम वाद लम्बित होने के कारण पंचम स्थान प्राप्त हुआ है।धारा-34 उ०प्र० राजस्व संहिता के वादों (खारिज दाखिल) में माहः सितम्बर, 2025 में कुल लम्बित विचाराधीन वादों की संख्या के सापेक्ष कम वाद लम्बित होने के कारण टॉप-10 जनपदों की सूची में जनपद श्रावस्ती को दशम् स्थान एवं इसी धारा में निर्धारित समयसीमा के उपरान्त कम वाद लम्बित होने के कारण द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।धारा-24 उ0प्र0 राजस्व संहिता के वादों (संक्रमणीय भूमिधरों की पैमाइश) में माहः सितम्बर, 2025 में निर्धारित समयसीमा के उपरान्त कम वाद लम्बित होने के कारण नवम् स्थान प्राप्त हुआ है।
जिलाधिकारी द्वारा राजस्व वादों के निस्तारण की प्रतिदिन समीक्षा करते हुए समस्त राजस्व पीठासीन अधिकारीगण को शासन के निर्देशानुसार अभियान चलाकर गुणदोष के आधार पर वादों का समयबद्ध रूप से निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं एवं समस्त राजस्व पीठासीन अधिकारीगण द्वारा निर्देशानुसार नियमित रूप से वादों का गुणदोष के आधार पर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसके कारण राजस्व वादों के निस्तारण में प्रगति परिलक्षित हुई है।