मासिक धर्म के रक्त का इस्तेमाल कर एंडोमेट्रियोसिस जैसी बीमारी के तंत्र को समझेंगे शोधकर्ता

6
News Desk
Advertisement

वाशिंगटन। शोधकर्ताओं द्वारा मासिक धर्म के रक्त का इस्तेमाल करके एंडोमेट्रियोसिस जैसे रोगों के तंत्र को समझना, संक्रमण का पता लगाना और क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत जैसे कई क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, जिसमें एंडोमेट्रियोसिस और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए नया इलाज और डायग्नोस्टिक्स विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मासिक धर्म के रक्त में जीवित प्रतिरक्षा कोशिकाएं होती हैं जो प्रजनन पथ से आती हैं। इनका अध्ययन सूजन को समझने और दर्दनाक यौन संबंधों जैसे लक्षणों के इलाज के लिए नई विधियां विकसित करने में मदद कर सकता है। शोधकर्ता एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं के मासिक धर्म के रक्त से ऑर्गेनॉइड विकसित कर सकते हैं, जो प्रयोगशाला में इस बीमारी के मॉडल बनाने में मदद करता है। मासिक धर्म के द्रव से प्राप्त प्लाज्मा ने क्षतिग्रस्त त्वचा के घावों को पूरी तरह से ठीक करने में मदद की है, जो सामान्य रक्त प्लाज्मा की तुलना में बहुत तेज़ है।
जानकारी के मुताबिक मासिक धर्म के रक्त से प्राप्त स्टेम सेल और अन्य कोशिकाएं कई प्रकार की बीमारियों, जैसे कैंसर के अनुसंधान और उपचार में उपयोग की जा सकती हैं। मासिक धर्म के रक्त से प्राप्त स्टेम कोशिकाएं, जैसे एंडोमेट्रियल पुनर्योजी कोशिकाएं और एंडोमेट्रियल स्ट्रोमल कोशिकाएं, स्टेम सेल थेरेपी के विकास में अहम योगदान दे सकती हैं।
यह शोध अभी अपने शुरुआती चरण में है मासिक धर्म के रक्त के इस्तेमाल से कई रोगों के निदान और उपचार के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। यह पारंपरिक तरीकों के पूरक के रूप में काम कर सकता है और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए नए मार्ग प्रदान कर सकता है।

यहां भी पढ़े:  पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर टकराव, चार की जान गई और कई घायल
Advertisement