रिपोर्ट:हेमंत कुमार दुबे।
महराजगंज: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा सोमवार को महराजगंज जिले में श्रद्धा, भक्ति और अपार उत्साह के साथ मनाया गया। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर, जिले के विभिन्न छठ घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर, अपने परिवार की सुख-समृद्धि, खुशहाली और दीर्घायु की कामना की।सोमवार को सूर्य डूबने से काफी पहले ही, शहर और ग्रामीण अंचलों के सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। व्रती महिलाएं अपने सिर पर ‘दउरा’ (बांस की टोकरी), जिसमें ठेकुआ,
फल, गन्ना और पूजन सामग्री सजी थी, लेकर पारंपरिक वेशभूषा में घाटों की ओर जाती दिखीं। इस दौरान छठ घाटों पर बज रहे भक्ति संगीत और पारंपरिक छठ गीतों “केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव”, “मरबो रे सुगवा धनुष से”, “छठी मैया दे दुलार” की गूंज से पूरा माहौल भक्तिमय और ऊर्जा से सराबोर हो गया।संध्या बेला में, हजारों व्रती महिलाओं ने कमर तक पानी में खड़े होकर, डूबते हुए सूर्य को विधिविधान से अर्घ्य दिया। यह दृश्य महराजगंज के छठ घाटों पर आस्था और परंपरा का एक अलौकिक संगम प्रस्तुत कर रहा था। मान्यता है कि यह एकमात्र पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की पूजा की जाती है, जो जीवन-मृत्यु के चक्र और हर अंत के बाद एक नई शुरुआत का दार्शनिक संदेश देता है। छठ महापर्व के सुचारु संचालन के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर था। सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गईं थीं।घाटों पर पुलिस बल की तैनाती, जल पुलिस (गोताखोर) की व्यवस्था और वॉच टावर से निगरानी की गई। नगर पालिका और पंचायत प्रशासन ने पर्व से पूर्व ही घाटों की सघन साफ-सफाई, समतलीकरण (बुलडोजर से) और वेदियों के निर्माण में सहयोग किया। रौशनी (लाइटिंग), पीने के पानी और चिकित्सा सहायता के इंतजाम किए गए थे। प्रशासन की इन पुख्ता व्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं ने पूरी निश्चिंतता और उत्साह के साथ छठ मैया और सूर्यदेव की आराधना की।छठ पर्व का समापन मंगलवार की सुबह उदीयमान (उगते) सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। व्रती महिलाएं और श्रद्धालु भोर में ही पुनः घाटों पर जुटेंगे और सूर्योदय होते ही अंतिम अर्घ्य देकर 36 घंटे के कठिन निर्जला उपवास का पारण करेंगी। महराजगंज में इस महापर्व को लेकर उत्सव का माहौल अभी भी कायम है।




















