अमेरिका के दो शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट तस्वीरों के अध्ययन के आधार पर दावा किया कि रूस, पूर्वी बेलारूस में नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करने की तैयारी कर रहा है. अगर रूस इन मिसाइलों की तैनाती करता है तो यूरोप में रूस की मिसाइल हमले की क्षमता पहले की अपेक्षा और मजबूत हो जाएगी. ये मिसाइलें पुराने एयरबेस पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं |
शोधकर्ताओं के अनुसार, बेलारूस के क्रिचेव शहर में एक पुराने एयरबेस के पास मोबाइल ओरेशनिक मिसाइल लॉन्चर तैनात किए जाएंगे. क्रिचेव शहर रूस की राजधानी मिन्स्क से करीब 300 किमी. पूर्व और मॉस्को से करीब 480 किमी. दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. शोधकर्ताओं ने कैलिफोर्निया स्थित मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और CNA रिसर्च एंड एनालिसिस ऑर्गनाइजेशन की मदद से कमर्शियल सैटैलाइट कंपनी की तस्वीरों के आधार पर विश्वलेषण किया |
कितनी खतरनाक है Oreshnik हाइपरसोनिक मिसाइल?
Oreshnik एक इंटरमीडिएट-रेंज हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता करीब साढ़े 5 हजार किमी. बताई जाती है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, बेलारूस में इन मिसाइलों को पहले भी तैनात करने की बात कर चुके हैं |लेकिन उन्होंने इसके लिए जगह नहीं बताई थी. रूस ने इसका परीक्षण नवंबर 2024 में किया था. पुतिन के अनुसार यह मिसाइल मैक-10 से ज्यादा तेज रफ्तार से उड़ने में सक्षम है, जिसे रोक पाना असंभव है |
शीत युद्ध के बाद पहली बार क्षेत्र के बाहर तैनाती
रूस के Oreshnik की तैनाती की खबर उस दौरान आई है, जब New Start संधि को खत्म होने में गिने-चुने दिन ही बचे हैं. सैन्य हथियारों को लेकर यह अमेरिका और रूस के बीच की आखिरी सबसे बड़ी संधि मानी जा रही है. पुतिन ने पिछले साल दिसंबर 2024 में भी बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात की थी. इस दौरान कहा था कि Oreshnik मिसाइलें बेलारूस में तैनात की जा सकती हैं. रूस के लिए भी यह शीत युद्ध के बाद पहली बार होगा कि जब अपने सीमा क्षेत्र के बाहर हथियारों की तैनाती कर रहा है |
10 Oreshnik मिसाइलें तैनात करने की तैयारी
बता दें, मिसाइल को लेकर बेलारूस के राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते ही कहा था की हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर दी गई हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किस जगह पर ये मिसाइलें तैनात की गई हैं. हालांकि, उन्होंने ये जरूर बताया कि 10 Oreshnik मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं. फिलहाल, इन्हें कहां तैनात किया जाएगा, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है |
































