एटा जिले के अंगदपुर गांव में दिवाली की रात पुलिस और ग्रामीणों के बीच विवादास्पद स्थिति पैदा हो गई। थाना राजा का रामपुर में तैनात उपनिरीक्षक रूपचंद और वीरपाल सहित अन्य पुलिसकर्मी गांव में जुआ खेलते कुछ लोगों को पकड़ने पहुंचे। घटना के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और पुरुष मौके पर एकत्रित हो गए।
ग्रामीणों के दवाब पर आरोपियों को छोड़ा
ग्रामीणों ने पुलिस पर दबाव डालते हुए कहा कि अगर जुआरियों को नहीं छोड़ा गया तो सड़क जाम कर देंगे। विरोध और भीड़ के दबाव में पुलिसकर्मी जुआरियों को छोड़कर थाने लौट आए। पुलिसकर्मियों ने न तो घटना का लिखित रूप में जिक्र किया और न ही आला अधिकारियों को सूचित किया। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पुलिस की लापरवाही उजागर हुई।
एसएसपी ने की कार्रवाई
एसएसपी श्याम नारायण सिंह ने मामले की जानकारी मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने थाना प्रभारी मुकेश तोमर, उपनिरीक्षक रूपचंद और वीरपाल के अलावा आरक्षी ह्रदयनारायण, बहादुर, अजय और धर्मसिंह को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने बताया कि घटना के बाद पुलिसकर्मियों का यह कृत्य अनुचित था क्योंकि उन्हें वापस थाने आकर घटना का जीडी दर्ज करना चाहिए था।
एसएसपी ने यह भी कहा कि वायरल वीडियो ने यह साबित कर दिया कि सोशल मीडिया और डिजिटल जागरूकता प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह घटना ग्रामीणों और पुलिस के बीच संवाद और प्रशासनिक प्रक्रिया की मजबूती पर भी सवाल खड़े करती है।
इस मामले ने यह स्पष्ट किया कि छोटी सी लापरवाही भी सोशल मीडिया पर उजागर होने पर गंभीर परिणाम ला सकती है और पुलिसकर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए आवश्यक हो गया है।

































