रिपोर्ट:हेमन्त कुमार दुबे।
औरैया। जिले के नारायणपुर निवासी एक सफाईकर्मी के पांच माह के मासूम बेटे की दुखद मौत पर प्रशासनिक लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं। सफाईकर्मी भोले सिंह ने दावा किया है कि पिछले पाँच दिनों से उनकी लगातार ‘बीएलओ सहयोग ड्यूटी’ लगाई गई थी, जिसके कारण वह अपने गंभीर रूप से बीमार बच्चे शिवा का समय पर इलाज नहीं करा पाए। रविवार सुबह बच्चे ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद परिवार में मातम छा गया है और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
*अवकाश मांगा, पर नहीं सुनी गई’- दोहरी ड्यूटी बनी काल।*
पीड़ित सफाईकर्मी भोले सिंह नियमित कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पाँच दिनों से उनसे सफाई कार्य के साथ-साथ बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के सहयोग में भी ड्यूटी कराई जा रही थी, जिससे उन पर काम का दोहरा बोझ था।
> भोले सिंह का आरोप है: “मेरा पांच माह का बेटा शिवा पिछले कुछ दिनों से बीमार था और उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। मैंने बार-बार अपने बच्चे की गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए अवकाश (छुट्टी) की मांग की, लेकिन मेरी एक नहीं सुनी गई। दोहरी ड्यूटी के कारण मैं बच्चे को न तो समय दे पाया और न ही उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जा सका।”
>
*अस्पताल पहुंचने से पहले मासूम ने तोड़ा दम।*
रविवार को बच्चे की तबीयत अचानक बहुत ज्यादा बिगड़ गई। परिवार जब तक उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी करता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने मासूम शिवा को मृत घोषित कर दिया।
बच्चे की मौत के बाद से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मोहल्ले के लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसे प्रशासनिक संवेदनहीनता का नतीजा बताया है।
*मोहल्ले वालों ने की जांच की मांग।*
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि सफाईकर्मी भोले सिंह को समय पर छुट्टी मिल जाती और बच्चे का इलाज शुरू हो जाता, तो शायद मासूम शिवा की जान बचाई जा सकती थी।मोहल्ले के लोगों ने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

































