नई दिल्ली। IAS संतोष वर्मा का मामला शांत होने के नाम नहीं ले रहा है. ब्राह्मण समाज में अधिकारी के बयान को लेकर आक्रोश है. आमजन से लेकर नेता तक अधिकारी की बर्खास्तगी की बात कह रहे हैं. भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने संतोष वर्मा को पद से बर्खास्त करने की मांग की।
विभागीय जांच की भी मांग की
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को लिखे पत्र में सांसद ने ये मांग की कि IAS संतोष वर्मा के विरूद्ध तत्काल विभागीय जांच की जानी चाहिए. जांच लंबित रहने तक उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए, जिससे वे पद का दुरुपयोग ना कर सकें. इसके साथ ही जांच में सत्यता पाई जाती है तो बर्खास्तगी जैसी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए. सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके सांसद आलोक शर्मा ने लिखा कि आज (मंगलवार) संसद भवन में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जी से भेंट कर भोपाल में विगत दिनों आईएएस संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों के बारे में दिए गए बयान पर संज्ञान लेने और दोषी पाए जाने पर संतोष वर्मा के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की शिकायत की।
ब्राह्मण समाज पर दिया था विवादित बयान
अजाक्स का प्रांतीय अधिवेशन 23 नवंबर को भोपाल में आयोजित किया गया था. इस अधिवेशन को संबोधित करते हुए IAS अधिकारी संतोष वर्मा ने कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना कर दे या उसके साथ संबंध ना बना दे, तब तक आरक्षण मिलना चाहिए।
IAS मांग चुके हैं माफी
उन्होंने कहा था कि मेरे बयान में दान से मतलब कन्यादान से है. मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. कुछ लोगों ने स्वार्थसिद्ध करने के लिए ऐसा किया. बयान को वायरल किया. मेरे 27 मिनट के भाषण में से 1-2 लाइन निकाल करके प्रचारित किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी से किसी समाज को जाने-अनजाने में ठेस पहुंची है तो माफी मांगता हूं।

































