वंदे मातरम पर आज संसद में चर्चा, पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे शुरुआत

9
News Desk
Advertisement

नई दिल्ली। संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र (Winter session) जारी है। ऐसे में आज (08 दिसंबर) को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ (Vande Mataram)  पर संसद में विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लोकसभा में इस बहस की शुरुआत करेंगे। वहीं राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह बहस की शुरुआत करेंगे। बहस के लिए 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है।

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम पर आज लोकसभा में चर्चा होगी। 150 वर्ष पूर्व लिखे गए इस गीत के ऐतिहासिक महत्व पर निचले सदन में होने वाली चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। वहीं, उच्च सदन राज्यसभा में इस पर मंगलवार को चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।

यहां भी पढ़े:  पाकिस्तानी भाभी सीमा हैदर के घर फिर गूंजेगी किलकारी, छठी बार मां बनने वाली हैं

जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में वंदेमातरम पर चर्चा की शुरुआत पीएम मोदी दोपहर 12 बजे करेंगे। चर्चा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई समेत आठ सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। चर्चा का समापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन के साथ होगा। सरकार ने गत 7 नवंबर को राष्ट्रीय गीत की 150वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। वहीं, कई राज्यों में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी मंगलवार को चर्चा होनी है।

पीएम ने लगाया गीत के वंदे मातरम के टुकड़े करने का आरोप
पीएम मोदी ने हाल में कहा था कि 1937 में वंदे मातरम के टुकड़े किए गए थे। वंदे मातरम के इस विभाजन ने के बीज भी बो दिए थे। राष्ट्र-निर्माण के इस महामंत्र के साथ यह अन्याय क्यों हुआ? यह आज की पीढ़ी को जानना जरूरी है। आज भी वही विभाजनकारी सोच बड़ी चुनौती बनी हुई है।

यहां भी पढ़े:  कई शहरों में मिली राहत, जानें आज के दाम

इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष बोले-मुस्लिमों को शुरुआती दो लाइनों से परहेज नहीं
संसद में बहस से पहले ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि मुस्लिमों को राष्ट्रगीत से नफरत नहीं है। उनकी आपत्ति विशुद्ध रूप से धार्मिक मान्यताओं (एकेश्वरवाद) व गीत के अगले हिस्सों में मूर्ति पूजा के भाव को लेकर है। रशीदी ने साफ कहा कि राष्ट्रगीत की शुरुआती दो लाइनों को गाने में किसी भी मुसलमान को कोई परहेज नहीं होना चाहिए। ये लाइनें वतन की खूबसूरती और उसकी समृद्धि की तारीफ है।

यहां भी पढ़े:  कौन बनेगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष? जल्द हो सकती है घोषणा, ये तीन नाम आगे

आजादी की प्रेरणा बना था यह गीत
बंकिम चंद्र चटर्जी रचित वंदे मातरम पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था।
1882 में यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा बना।

बाद में रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया और आजादी की लड़ाई में यह स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा बना था।
24 जनवरी, 1950 को भारत सरकार ने वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया था।

Advertisement