नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की ओर से आरएसएस (RSS) और भाजपा (BJP) की तारीफ किए जाने के मामले ने पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि वह संघ की विचारधारा के घोर विरोधी हैं। हालांकि, उनके इस बयान पर कांग्रेस में ही कई नेताओं की राय बंटी हुई नजर आ रही है।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की तस्वीर साझा की थी। इसके साथ उन्होंने कहा था कि भाजपा-आरएसएस जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन के भीतर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष पदों तक पहुंचने का मौका देते हैं। गौरतलब है कि इस तस्वीर में पीएम मोदी जमीन पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं।
आरएसएस पर तीखा प्रहार करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने संघ को 1948 में महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे से जोड़ा। पवन खेड़ा ने कहा, ‘आरएसएस से सीखने को कुछ नहीं है। गोडसे के लिए कुख्यात संगठन गांधी की ओर से स्थापित संगठन को क्या सिखा सकता है?’
कांग्रेस नेता मनिकम टैगौर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘गोडसे के संगठन से नफरत के अलावा और कुछ सीखा नहीं जा सकता है। कांग्रेस 140 वर्ष की हो गई है, जो अभी भी युवा है और नफरत के खिलाफ लड़ती है।’ इसी के साथ टैगौर ने एक अन्य पोस्ट में एक फुटबॉल मैच का वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में खिलाड़ी अपने गोल पोस्ट में गोल करता दिख रहा है। उन्होंने इस पर लिखा कि मशहूर सेल्फ गोल। हमारे पास एक है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिग्विजय सिंह के बयान पर कहा, ‘मैं भी चाहता हूं कि हमारा संगठन मजबूत हो। हमारे संगठन में अनुशासन होना चाहिए। दिग्विजय सिंह खुद इसका उदाहरण हैं।’ इसके साथ ही शशि थरूर ने कहा, ‘हमारी पार्टी का 140 साल का इतिहास है. हम इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम खुद से भी बहुत सी चीजें सीख सकते हैं। अनुशासन बहुत जरूरी चीज है।’
वहीं, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘भाजपा उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। हमें आरएसएस से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है। हमने ब्रिटिश राज और उसके अन्याय के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम लड़ा। हमने इसे जन आंदोलन में बदल दिया, इसलिए हमें किसी से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है; बल्कि लोगों को कांग्रेस से सीखना चाहिए।’












