“मैं तो खुद वनवास भुगत रहा हूं”, इंदौर में छलका जीतू पटवारी का दर्द; क्या कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं?

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News Desk
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इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह और गुटबाजी की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं, लेकिन इस बार खुद प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष जीतू पटवारी का एक बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। इंदौर प्रवास के दौरान अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच पटवारी का दर्द छलक उठा, जिसने पार्टी के भीतर चल रहे तालमेल पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

कार्यकर्ता के सामने छलकी बेबसी: “मैं तो वनवास में हूं”
इंदौर में एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान जब कार्यकर्ताओं ने संगठन और अपनी समस्याओं को लेकर पटवारी से बात की, तो पीसीसी चीफ ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा, “भैया, मैं तो खुद वनवास भुगत रहा हूं।” जीतू पटवारी का यह छोटा सा वाक्य अब मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़े मायने निकाल रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बयान केवल हंसी-मजाक नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर उनकी स्थिति और वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके समीकरणों की ओर इशारा करता है।

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क्या वरिष्ठों से तालमेल की कमी है वजह?
पटवारी के इस “वनवास” वाले बयान के बाद कांग्रेस के भीतर समन्वय को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं:

अनदेखी का आरोप: क्या कांग्रेस के भीतर जीतू पटवारी की बातों की सुनवाई नहीं हो रही है?

वरिष्ठ नेताओं से दूरी: क्या कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के साथ पटवारी का तालमेल नहीं बैठ पा रहा है?

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संगठन में खींचतान: हाल के दिनों में कई नियुक्तियों को लेकर जिस तरह के विवाद सामने आए, क्या यह “वनवास” उसी गुटबाजी का परिणाम है?

बीजेपी को मिला हमला करने का मौका
जीतू पटवारी के इस बयान के बाद बीजेपी ने भी चुटकी लेना शुरू कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि जिस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष खुद को “वनवासी” और “बेबस” महसूस कर रहा हो, वह पार्टी जनता की लड़ाई क्या लड़ेगी।

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एक्स-फैक्टर: जीतू पटवारी ने विधानसभा चुनाव में अपनी हार के बाद पीसीसी चीफ की कमान संभाली थी, लेकिन तब से लेकर अब तक संगठन विस्तार और बड़े नेताओं को साथ लेकर चलने में उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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