आरएसएस का कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर पलटवार, दत्तात्रेय होसबाले बोले- राष्ट्र निर्माण में लगे संघ को जनता ने स्वीकार किया, प्रतिबंध की मांग बेमानी

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जबलपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक के दूसरे दिन, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संगठन पर प्रतिबंध लगाने की माँग को सिरे से खारिज कर दिया है। होसबाले ने स्पष्ट किया कि राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगे संघ पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई वैध कारण होना चाहिए, और यह कि देश की जनता पहले ही आरएसएस को स्वीकार कर चुकी है।

मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित कचनार सिटी में आयोजित अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक की समाप्ति के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए होसबाले ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "प्रतिबंध के पीछे कोई कारण होना चाहिए। जो आरएसएस राष्ट्र निर्माण में लगा है, उस पर प्रतिबंध लगाने से क्या हासिल होगा? जनता ने पहले ही आरएसएस को स्वीकार कर लिया है।" उनके इस बयान को संघ की ओर से कांग्रेस के आरोपों पर एक कड़ा और सीधा जवाब माना जा रहा है।

खड़गे की प्रतिबंध लगाने की माँग और पटेल का संदर्भ:

सरकार्यवाह होसबाले की यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा दिए गए हालिया बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें खड़गे ने देश में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को ज़िम्मेदार ठहराया था और संगठन पर प्रतिबंध लगाने की माँग की थी। खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि यदि वे सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों का वास्तव में सम्मान करते हैं, तो उन्हें आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेना चाहिए, उन्होंने अतीत में पूर्व कानून मंत्री द्वारा संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध का संदर्भ दिया था।

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खड़गे ने सार्वजनिक रूप से इन विचारों को व्यक्त करते हुए कहा था, "यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं और मैं खुलकर कहता हूँ कि इस पर (आरएसएस पर प्रतिबंध) होना चाहिए। अगर पीएम वल्लभभाई पटेल द्वारा प्रस्तुत विचारों का सम्मान करते हैं, तो यह किया जाना चाहिए। देश में सभी गलतियाँ और सभी कानून-व्यवस्था के मुद्दे बीजेपी और आरएसएस के कारण हैं।"

संघ की 100वीं वर्षगाँठ पर चिंतन और राष्ट्रीय मुद्दे:

जबलपुर में सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा बुलाई गई यह महत्वपूर्ण बैठक, संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने (1925-2025) के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श करने और अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में देशभर से संघ के प्रमुख पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। ऐसे में, संघ के शताब्दी वर्ष के करीब आने के समय, कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा प्रतिबंध की माँग उठाना राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

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कर्नाटक में संघ की गतिविधियों पर आपत्ति:

आरएसएस की गतिविधियों पर कांग्रेस का विरोध केवल केंद्रीय नेतृत्व तक ही सीमित नहीं है। इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष के पुत्र और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और राज्य के स्वामित्व वाले मंदिरों में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने का आग्रह किया था। उन्होंने संघ पर "युवा मस्तिष्कों का ब्रेनवॉश" करने और "संविधान के विरुद्ध दर्शन" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इस तरह, कांग्रेस पार्टी विभिन्न राज्यों और राष्ट्रीय स्तर पर संघ की वैचारिक पकड़ और उसके प्रभाव को सीधे चुनौती दे रही है।

आरएसएस का इतिहास और विवाद:

आरएसएस, जिसकी स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में की थी, राष्ट्र और हिंदू समुदाय के कल्याण के लिए काम करने का दावा करता है। हालाँकि, संगठन विवादों से भी घिरा रहा है। महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1948 में संघ पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस समय जाँच में संघ पर नाथूराम गोडसे को प्रभावित करने का आरोप लगा था। हालाँकि, बाद में प्रतिबंध हटा लिया गया था और एक जाँच में संगठन को महात्मा गांधी की हत्या में सीधी संलिप्तता के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।

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दत्तात्रेय होसबाले का यह बयान ऐसे समय में आया है जब संघ अपने शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ रहा है और अपने सामाजिक तथा राष्ट्रव्यापी प्रभाव को बढ़ा रहा है। संघ के अनुसार, उनका कार्य देश के सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करना है, जिसे जनता ने स्वीकार कर लिया है। इसलिए, कांग्रेस की प्रतिबंध लगाने की माँग को संघ अपने व्यापक जनसमर्थन और राष्ट्र-निर्माण की गतिविधियों के सामने अलोकतांत्रिक और तर्कहीन मानता है। यह राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप आने वाले समय में संघ और कांग्रेस के बीच वैचारिक संघर्ष को और बढ़ा सकते हैं।

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